पीएम मोदी की अध्यक्षता में 27 जुलाई को नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक होगी। इस बैठक में साल 2047 तक भारत को विकसित बनाए जाने से जुड़े डॉक्यूमेंट्स पर चर्चा की जाएगी।
नीति आयोग की शीर्ष नीतिगत इकाई परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। नीति आयोग केवल एक सलाहकार निकाय के रूप में कार्य करता है। ये सरकार को अपने विचारों की प्रवर्तनीयता सुनिश्चित किए बिना अलग-अलग मुद्दों पर सलाह देता है। इस बैठक से पहले फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को संसद में पेश होने वाले केंद्रीय बजट 2024-25 में विकसित भारत के दृष्टिकोण और कार्ययोजना की रूपरेखा पेश कर सकती हैं।
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2047 तक भारत को 30 हजार अरब डॉलर की इकोनॉमी बनाने की योजना
बता दें कि साल 2023 में नीति आयोग को 2047 तक विकसित भारत के लिए 10 क्षेत्रवार विषयों को संयुक्त दृष्टिकोण में शामिल करने का कार्य मिला था। इसमें विकास के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है, जिसमें आर्थिक वृद्धि, पर्यावरण के स्तर पर स्थिरता, बेहतर संचालन और सामाजिक प्रगति शामिल हैं। आजादी के 100वें साल यानि 2047 तक भारत को 30 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एक दृष्टिकोण पत्र तैयार किया जा रहा है।
टैक्स सुधार और जरूरी सेविंग स्कीम पर जोर
नीति आयोग भारत सरकार द्वारा गठित एक संस्थान है। इसे योजना आयोग की जगह पर बनाया गया है। नीति आयोग के चेयरमैन प्रधानमंत्री होते हैं।
नीति आयोग ने साल की शुरुआत में देश में टैक्स सुधार और जरूरी सेविंग स्कीम पर जोर दिया था। तब आयोग ने ये भी कहा था कि सीनियर सिटीजन या बुजुर्गों के लिए आवासीय स्कीम पर काम करने की जरूरत है। आयोग ने ऐसा इसलिए कहा था, क्योंकि साल 2050 तक देश में सीनियर सिटीजन की आबादी 19.5 प्रतिशत पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में इन बातों पर अभी से ध्यान देना बेहद जरूरी है।