बलरामपुर- उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षकों ने ऑनलाइन हाजिरी को लेकर विरोध करना शुरु कर दिया है। प्रदेश के 1,32,869 बेसिक स्कूलों में पढ़ाने वाले 6,09,282 शिक्षकों में 16,015 शिक्षकों ने ही ऑनलाइन हाजिरी दर्ज कराई। जबकि, बचे हुए शिक्षकों ने ऑनलाइन हाजिरी नहीं दर्ज कराई। वहीं, इस मामले में शिक्षकों ने सोशल मीडिया का सहारा लिया है। बलरामपुर के शिक्षक ने बाढ़ में डूबे हुए स्कूल के साथ सेल्फी पोस्ट की तो, वहीं एक शिक्षक ने बाढ़ में स्कूल जाने के दौरान विरोध जताया।
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बता दें, कि बेसिक शिक्षा परिषद की तरफ से व्यवस्थाओं को हाईटेक किया जा रहा है। स्कूलों में पहुंचते ही सेल्फी खींचकर फोटो भेजना अब पूरी तरह से अनिवार्य़ कर दिया है। इसे लेकर परिषद की ओर से सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं। वहीं, इस फैसले को लेकर शिक्षकों ने विरोध शुरु कर दिया है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया है। सोशल मीडिया पर शिक्षकों का यह विरोध चर्चा का विषय बन चुका है। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से ऑनलाइन हाजिरी का समय 8 बजे की जगह 8.30 बजे तक किया गया है।
शिक्षकों में नाराजगी
जिला महामंत्री संजय कनौजिया ने कहा कि 14 मार्च 2024 को महानिदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय में धरना भी किया गया था, तब महानिदेशक द्वारा संगठन के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया गया था, कि डिजिटाइजेशन से जुड़ी मौलिक समस्याओं के निस्तारण के पश्चात ही इसे लागू किया जाएगा। हमारी मांग नहीं मानी गई।
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रायबरेली में शिक्षकों ने सौंपा ज्ञापन
ऑनलाइन हाजिरी और डिजिटलाइजेशन के खिलाफ रायबरेली में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने जिला मुख्यालय पर धरना दिया। जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में शिक्षकों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा गया। प्रदेश संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह ने कहा, कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा 8 जुलाई से आदेश निर्गत किया गया है, जो कि तुगलकी फरमान है। जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह और जिला कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने कहा, कि प्रदेशीय नेतृत्व द्वारा कई बार महानिदेशक स्कूल शिक्षा को ज्ञापन सौंपकर डिजिटाइजेशन से जुड़ी मौलिक समस्याओं को दूर करने की मांग की गई थी।