हैदराबाद: तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी सरकार बनने के बाद विपक्षी दलों को तोड़ने की प्रक्रिया जारी है। जिसका सबसे अधिक नुकसान के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के नतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (BRS) को हुआ है। पिछले कुछ दिनों में BRS के कई विधायक, सांसद और विधान परिषद सदस्यों ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। अब ऐसे में भारत राष्ट्र समिति तेलंगाना में अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रही है। जिसको देखते हुए BRS नेता व तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के पुत्र केटी रामा राव (केटीआर) ने राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि क्या कांग्रेस पार्टी ऐसे ही संविधान की रक्षा करेगी?
बता दें कि बीते बुधवार को बीआरएस को सबसे बड़ा झटका तब लगा था, जब केसीआर और केटीआर के बाद भारत राष्ट्र समिति में तीसरे नंबर के नेता माने जाने वाले…पूर्व मंत्री व सांसद के. केशव राव कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के सामने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी मौजूद रहे।
इसके पहले 28 जून को बीआरएस विधायक काले यादैया कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। वह तेलंगाना राज्य के रंगारेड्डी जिले के चेवेल्ला विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। वहीं, 21 जून को बीआरएस विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पोचाराम श्रीनिवास रेड्डी ने भी बीआरएस छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी। लेकिन, केसीआर की पार्टी बीआरएस को सबसे बड़ा झटका तब लगा, जब एक साथ 6 एमएलसी ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया। कांग्रेस द्वारा एक के बाद दिए जा रहे झटके से बीआरएस उबर नहीं पा रही है।
अब बीआरएस के वरिष्ठ नेता केटी रामा राव ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से संविधान की रक्षा करने की गुहार लगाई है। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा कि बीआरएस सांसद केशव राव ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद इस्तीफा दे दिया। उनके फैसले का स्वागत है। उस बीआरएस विधायक के बारे में क्या, जिन्होंने दल बदल कर कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा? उन आधा दर्जन अन्य बीआरएस विधायकों के बारे में क्या जो कांग्रेस में शामिल हो गए? राहुल गांधी जी क्या आप इसी तरह संविधान को कायम रखेंगे? यदि आप बीआरएस विधायकों से इस्तीफा नहीं दिला सकते, तो राष्ट्र कैसे भरोसा करेगा कि आप कांग्रेस के घोषणापत्र के अनुसार 10वें संशोधन के लिए प्रतिबद्ध थे? ये कैसा न्याय पत्र हैं?
कांग्रेस ने घोषणा पत्र में क्या वादा किया था?
दरअलस, कांग्रेस पार्टी ने अपने लोकसभा चुनाव के दौरान जारी किए गए न्याय पत्र के संविधानिक न्याय भाग के बिंदु 13 में घोषणा की थी कि वह संविधान की दसवीं अनुसूची में संशोधन करेगी और दल बदल कानून के तहत जिस मूल पार्टी से विधायक या सांसद चुना गया था उसे छोड़कर यदि वह किसी दूसरे दल में शामिल होता है तो वह लोकसभा या विधानसभा की सदस्यता से स्वत: अयोग्य घोषित हो जाएगा।