दिल्ली शराब नीति घोटाले में CBI हिरासत से जमानत देने की CM अरविन्द केजरीवाल की याचिका पर शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट में जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने इस तथ्य पर गौर किया कि केजरीवाल ने पहले ट्रायल कोर्ट में जाने के बजाय सीधे हाईकोर्ट से जमानत के लिए संपर्क किया है। जिसपर कोर्ट ने कहा इस तथ्य पर आगे गौर किया जाएगा। इस मामले में अरविंद केजरीवाल की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी और विक्रम चौधरी ने कहा कि वो कोई आतंकवादी नहीं हैं, ऐसे में उन्हें यहीं से जमानत दे देनी चाहिए।
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सीबीआई को एक हफ्ते में दाखिल करना होगा जवाब
दिल्ली हाईकोर्ट ने CBI को अरविन्द केजरीवाल की याचिका पर एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए नोटिस जारी किया है। वहीं मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को निर्धारित की है। सुनवाई के दौरान कोर्ट को CBI के वकील डीपी सिह ने कहा जमानत के लिए पहली अदालत ट्रायल कोर्ट होनी चाहिए थी। स्वामित्व के लिए… यह सभी मामलों में एक आदर्श बन जाएगा।
कोर्ट ने कहा कि कितने मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि औचित्य के आधार पर निचली अदालत में जाएं ? कानून स्पष्ट है, कि हमारे पास समवर्ती क्षेत्राधिकार है। जब आपके पास उपाय उपलब्ध है तो हाईकोर्ट में बाधा न डालें। कोई कारण अवश्य होगा कि आप सीधे हाईकोर्ट आएं। पहले ट्रायल कोर्ट जाने की दलील पर आगे गौर किया जाएगा।
इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने केजरिवल की जमानत की अर्जी पर CBI को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया है। बता दें केजरीवाल की CBI हिरासत और रिमांड को चुनौती देनी वाली याचिका पहले से हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए पेंडिंग हैं।