मध्य प्रदेश के धार की ऐतिहासिक भोजशाला विवाद मामले में ASI को सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए अतिरिक्त समय मिल गया है। इंदौर हाईकोर्ट ने इस मामले में ASI को 15 जुलाई तक सर्वे रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।
भोजशाला मामले में इंदौर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान ASI की सर्वे टीम को सर्वे रिपोर्ट पेश करनी थी, लेकिन ASI ने इसके लिए चार हफ्ते का और समय मांगा। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने ASI को 10 दिन का समय देकर 15 जुलाई तक अपनी सर्वे रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। अब इसपर अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी। सुनवाई में मुस्लिम पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने ऑनलाइन अपना पक्ष रखा।
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क्या है पूरा मामला ?
हिंदू संगठनों के अनुसार,, धार में स्थित कमाल मौलाना मस्जिद दरअसल मां सरस्वती मंदिर भोजशाला है, जिसे साल 1034 में राजा भोज ने संस्कृत की पढ़ाई के लिए बनवाया था,, लेकिन बाद में मुगल आक्रमणकारियों ने उसे तोड़ दिया था।
हिंदू संगठनों ने हाईकोर्ट में कहा था कि भोजशाला में मां सरस्वती का मंदिर है। अपने दावे को मजबूत करने के लिए हिंदू पक्ष की ओर से हाईकोर्ट में परिसर की तस्वीरें भी पेश की गई थीं। भोजशाला केंद्र सरकार के अधीन ASI का संरक्षित स्मारक है।
एक आदेश के अनुसार, हिंदुओं को यहां प्रत्येक मंगलवार पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुस्लिमों को हर शुक्रवार इस जगह पर नमाज अदा करने की इजाजत दी गई। मुस्लिम समुदाय इस परिसर को कमाल मौला की मस्जिद बताता है। मंगलवार और शुक्रवार के अलावा बाकी अन्य दिन भोजशाला,, पर्यटकों के लिए सशुल्क खुली रहती है।