भारत में बना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू (Koo) आज बुधवार से बंद हो गया है। कंपनी के को-फाउंडर अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावतका ने इसके बंद होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी को लेकर लगने वाली लागत और अन्य कंपनियों के साथ पार्टनरशिप जैसे मुद्दों पर बात नहीं बन पाई, जिसके कारण इसे बंद करना पड़ा। कंपनी के फाउंडर्स ने कू की कुछ एसेट को बेचने का इरादा भी जताया है।
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क्यों बंद हुआ Koo
साल 2023 में टाइगर ग्लोबल द्वारा समर्थित कू ने फंडिंग की कमी के चलते 30 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी कर दी थी।इसके साथ मर्जर या हिस्सेदारी के लिए कोई भी कंपनी आगे नहीं आई। अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावतका ने कहा कि ‘हमने कई बड़ी इंटरनेट कंपनियों, समूहों और मीडिया घरानों के साथ साझेदारी की कोशिश की, लेकिन इन बातचीत से वो परिणाम नहीं निकल सके, जिसकी हम इच्छा जता रहे थे। उनमें से ज्यादातर यूजर जेनरेटेड कंटेंट और एक सोशल मीडिया कंपनी के नेचर से निपटना नहीं चाहते थे।’
उन्होंने कहा कि “सोशल मीडिया, AI, स्पेस या इलेक्ट्रिक व्हीकल जैसे क्षेत्रों में भारत के महत्वाकांक्षी, दुनिया में पैठ बनाने वाले उत्पादों के निर्माण के लिए धैर्यवान, दीर्घकालिक पूंजी की आवश्यकता होती है। वैश्विक दिग्गजों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते समय, पर्याप्त पूंजी आवश्यक है। ये वेंचर उतार-चढ़ाव वाले पूंजी बाजार पर भरोसा नहीं कर सकते हैं, उन्हें अपनी वृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है।”
Koo पर होते थे 21 लाख यूजर्स
जब कू का बिजनेस अच्छे से चल रहा था तो इसके पास 21 लाख डेली यूजर्स और 1 करोड़ मंथली यूजर्स थे। कू को यूज़ करने वाले लोगों में करीब 9 हजार वीआईपी लोग थे।
क्या करती थी Koo ?
2020 में स्थापित Koo बहुभाषी माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म था, जो यूजर्स को टेक्स्ट, ऑडियो और वीडियो के जरिए बातचीत की सुविधा प्रदान करता था। ये इन्फ्लुएंसर को अपनी कम्युनिटी से जुड़ने और फैन्स के साथ बातचीत करने की भी सुविधा देता था।