नई दिल्ली: पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर रखे गए धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में चर्चा की। इस दौरान उन्होंने 60 साल बाद लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनने पर जनता का आभार व्यक्त किया। साथ ही पेपर लीक और मणिपुर जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार का पक्ष भी रखा।
पीएम मोदी ने पेपर लीक मामले पर राज्यसभा में कहा कि हम चाहते थे कि पेपर लीक जैसे संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति न हो। लेकिन,विपक्ष को इसकी आदत है। पीएम ने कहा कि इस पर दलीय राजनीति से आगे उठकर कार्य करने की जरूरत है। मैं भारत के युवाओं को आश्वस्त करता हूं कि नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को सख्त सजा मिले, इसके लिए एक्शन लिए जा रहे हैं।
वहीं, पीएम मोदी ने मणिपुर के वर्तमान हालातों पर भी जवाब दिया। पीएम मोदी ने कहा कि मणिपुर की स्थिति सामान्य करने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। वहां जो घटनाएं घटीं, उन पर कार्रवाई करते हुए 11 हजार से ज्यादा FIR दर्ज की गई हैं। 500 से ज्यादा लोग अरेस्ट हुए हैं। इस बात को भी हमें स्वीकार करना होगा कि मणिपुर में लगातार हिंसा की घटनाएं कम होती जा रही हैं।
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मणिपुर हिंसा पर राज्यसभा में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आग में घी डालने वाले तत्व सुधर जाएं। नहीं दो एक दिन मणिपुर ही उन्हें रिजेक्ट कर देगा। पीएम ने कहा कि जो लोग मणिपुर को जानते हैं वह जरूर जानते होंगे कि वहां संघर्ष का लंबा इतिहास रहा है। कांग्रेस के समय वहां 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा। 1993 में भी मणिपुर में इसी प्रकार का दौर चला था। अब हमें यह इतिहास समझकर चलना होगा। पीएम ने कहा कि जो लोग सहयोग करने को तैयार हैं, हम उनका सहयोग लेकर कार्य करने को तैयार हैं।