हाथरस: सत्संग हादसे में अब तक 116 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, बड़ी संख्या में लोग घायल हैं। जिनका अस्पताल में उपचार चल रहा है। लेकिन, अब यह सवाल भी उठने लगा है कि आखिर वह बाबा कौन है…? जिसने सत्संग में इतने लोगों की जान चली गई।
3 राज्यों में हैं बाबा के अनुयायी
बाबा का नाम नारायण साकार हरि भोले बाबा है। वह कासगंज जिले के पटियाली स्थित बहादुर नगर के रहने वाले हैं। बाबा अपने अनुयायियों के बीच भोले बाबा के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। लोगों का कहना है कि बाबा ने 17 साल पहले पुलिस की नौकरी छोड़कर सत्संग करना प्रारंभ कर दिया। देखते ही देखते बाबा के बड़ी संख्या में भक्त बनते चले गए। भोले बाबा का प्रभाव एक या फिर दो राज्यों में नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में है। इन राज्यों में उनके लाखों की तादाद में अनुयायी हैं।
छेड़खानी के एक मामले में बाबा पुलिस सेवा से हुए थे निलंबित
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, नारायण साकार हरि बाबा का वास्तविक नाम सूरजपाल जाटव है। बाबा कासगंज ज़िले के पटियाली के बहादुरपुर गांव का रहने वाला हैं। वह यूपी पुलिस के लोकल इंटेलिजेंस ब्यूरो (LIU) में तैनात थे। लेकिन करीब 28 साल पहले बाबा को एक छेड़खानी के मामले में अभियुक्त बनाया गया। जिसके कारण उन्हें पुलिस की नौकरी से निलंबित कर दिया गया। जिसके बाद इसी मामले में सूरजपाल जाटव एटा जेल में काफ़ी समय तक कैद रहा। जेल से छूटने के बाद वह लोगों के सामने बाबा के रूप में आया।
ईश्वर से संवाद होने का किया दावा
जेल से छूटने के बाद सूरजपाल अपने गांव नगला बहादुरपुर पहुंचे। यहां वह कुछ दिनों तक रूका और फिर ईश्वर से संवाद होने का दावा किया। जिसके बाद उसने खुद को भोले बाबा के रूप में स्थापित करने पर कार्य प्रारंभ कर दिया। सिर्फ कुछ वर्षों में ही बाबा के बड़े संख्या में भक्त हो गए। देखते ही देखते बड़े-बड़े समागम भी होने लगे। बाबा के करीबी कुछ लोगों बताते हैं कि बाबा का कोई गुरु नहीं है। उन्होंने स्वयं से ईश्वर का साक्षात्कार किया है।
बाबा के कुल 3 भाई हैं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसारा, बाबा कुल तीन भाई हैं। सबसे बड़े स्वयं बाबा सूरजपाल, दूसरे नंबर पर भगवान दास हैं, जिनकी मौत हो चुकी है। बाबा के तीसरे और सबसे छोटे भाई का नाम राकेश कुमार हैं। वह पूर्व प्रधान भी रह चुका है। हालांकि बाबा का आना-जाना अपने गांव में बहुत ही कम है।
सूट-बूट में नजर आते हैं बाबा
नारायण साकार हरि बाबा अपने सत्संग में सफेद कपड़ों में ही दिखते हैं। वह कोट-पैंट तो कभी कुर्ता-पजामा और पैंट-शर्ट में प्रवचन करते हैं। कहा जाता है कि बाबा अपने भक्तों से दान और चढ़ावा नहीं लेते हैं। फिर भी अब तक उनके कई आश्रम स्थापित हो चुके हैं। भक्तों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की जाती है। आखिर यह पैसा कहां से आता किसी को कोई जानकारी नहीं है।
कैसे हुआ हादसा?
कासगंज के हाथरस में सिंकदरामऊ के रतिभानपुर मुगल गढ़ी में बीते मंगलवार 2 जुलाई को मानव मंगल मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम का आयोजन मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम समिति ने किया था। पुलिस के अनुसार, बाबा का एक दिन का सत्संग था। कार्यक्रम के लिए 80 हजार लोगों के पहुंचने की अनुमति ली गई थी, जबकि 2.50 लाख से अधिक लोग पहुंचे। इसी बीच सत्संग समाप्त कर बाबा जा रहे थे, तभी भक्तों को बीच उनके पैर छूने की होड़ लग गई। जिससे मची भगदड़ में लोग एक दूसरे को कुचते हुए भागे। इस घटना में अब तक 116 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं।