सीतापुर- नैमिषारण्य के संतों व धर्माचार्यों ने कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के हिन्दू विरोधी बयान पर घोर आपत्ति जतायी है। राहुल गांधी के बयान को लेकर हिन्दू संगठनों में भी काफी रोष है। राहुल गांधी के बयान को लेकर जहां हिंदूवादी संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ 88 हजार ऋषिमुनियों की तपोस्थली नैमिषारण्य के साधु-संतों व धर्माचार्यो में जमकर गुस्सा है। धर्माचार्यो व संतों ने इसे राहुल गांधी की बचकानी हरकत करार देते हुए उनसे सम्पूर्ण हिन्दू समाज से सार्वजनिक रूप से कान पकड़ कर माफी मांगने की बात कही है। कुछ साधुओं ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ‘कोट के ऊपर जनेऊ’ पहनने वाले तथाकथित हिन्दू ‘राहुल गांधी’ क्या जानें ‘हिन्दू और उसकी संस्कृति’।
कुछ नेताओं का फैशन हो चुका है हिन्दुओं को गाली देना- महंत बजरंग दास
नैमिषारण्य स्थित हनुमानगढ़ी के महंत बजरंगदास ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आज देश के अंदर हिंदुओं को गाली देने की आदत सी बन गई है। दुर्भाग्य यह है कि देश के कुछ राजनेताओं ने इसे अपना फैशन बनाकर रखा है। उन्होंने कहा कि हिन्दुओं के प्रति ऐसी भाषा कुछ सीट जीतने का अहंकार मात्र है।
राहुल का बयान बेहद बचकाना है, इसके लिए उन्हें तत्काल कान पकड़ कर माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को गाली देकर राजनीति करने का चलन बंद होना चाहिए। महंत बजरंगदास ने नाराजगी भरे लहजे में कहा कि हिंदू समाज इस तरह की हरकत बर्दाश्त करने वाला नहीं है।
आत्म चिंतन करें राहुल -अनिल शास्त्री-
नैमिषारण्य स्थिति व्यास पीठाधीश्वर एवं प्रसिद्ध तांत्रिक धर्माचार्य अनिल शास्त्री ने कहा कि राहुल गांधी राज घराने परिवार से आते हैं, उन्हें स्वयं चिंतन करना चाहिए कि राजा का विचार किसी जाति विशेष को लेकर नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा है तो राजा अयोग्य है। राहुल गांधी सांसद हैं, उनका इस तरह का बयान निन्दनीय है। उन्होंने कहा कि हिन्दू कभी हिंसक नहीं होता।
इस तरह के बयान से समाज के अंदर एक वर्ग के अपमान का कारण बनता है और अपमान विनाश का कारण बन जाता है। उन्हें इस पर आत्म मंथन अवश्य करना चाहिए कि हिंदू कभी हिंसात्मक नहीं रहा!
‘कोट के ऊपर जनेऊ’ पहनने वाले क्या जाने हिंदू और उसकी संस्कृति -संतोष दास खाकी
मिश्रिख परिक्रमा तीर्थ से जुड़े प्रसिद्ध महंत संतोष दास खाकी ने राहुल गांधी के बयान को बचकाना बताते हुए कहा कि हिंदू संस्कृति को हिंसक कहना अल्पज्ञता है, राहुल गांधी के मन में कुंठा के उदगार हैं। दुःखद है कि भारत में रहने वाला व्यक्ति हिंदू संस्कृति नहीं जानता! वह भारतवासी नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि अफसोस यह भी है कि हिंदुओं के प्रति ऐसी आस्था रखने वालों के भी हिंदू फॉलोअर हैं? यह दुखद है, लेकिन यही हिंदू उदार संस्कृति भी है।
उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राहुल गांधी के पास इज्जत नहीं है वह ‘कोट के ऊपर से जनेऊ’ पहनते हैं इसलिए उनसे ऐसे ही विचार की ही अपेक्षा है, उनसे माफी मांगने की बात करने का मतलब भी नहीं है।
दुराग्रह से ग्रसित है राहुल का बयान- देवेन्द्रानंद सरस्वती
नैमिष पीठाधीश्वर देवेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि राहुल गांधी का यह बयान विक्षिप्त मानसिकता वाला है। दुराग्रह से ग्रसित है। श्री सरस्वती ने कहा कि कहा हिंदू यदि हिंसक होता तो एक छोटे से भूखंड में नहीं रह पाता! हिंदू सदैव उदार संस्कृति का रहा है, उसके जैसा उदार कोई नहीं है। हिंदू जिस परिवेश में रहता है वह वसुधैव कुटुंबकम की बात करता है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता, वह क्या कब बोलेंगे? क्या कब करेंगे?
उनकी बातों का कोई मतलब नहीं है! ऐसी अभद्र भाषा को उचित नहीं समझता। देवेन्द्रानंद सरस्वती ने अफसोस जताते हुए कहा कि राहुल का संवैधानिक पद पर रहने के बावजूद ऐसा आचरण अत्यंत दुखद है। उन्होंने कहा की देश का दुर्भाग्य है कि ऐसा विपक्ष का नेता मिला है।
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