दिल्ली की कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को मानहानि मामले में 5 महीने कैद की सजा सुनाई है। साकेत कोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में मेधा पाटकर को मई महीने में ही दोषी करार दिया था, जिसके बाद आज सोमवार को ये फैसला सुनाया गया है। इसके साथ ही मेधा पाटकर को दिल्ली के LG वी के सक्सेना को दस लाख रुपए जुर्माना देने का भी आदेश दिया है।
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बता दें कि तत्कालीन केवीआईसी अध्यक्ष एवं वर्तमान में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से नर्मदा बचाओ आंदोलन कार्यकर्ता मेधा पाटकर के खिलाफ मानहानि मामले में याचिका दायर की गई थी। साकेत कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने मेधा को आपराधिक मानहानि का दोषी पाया था।
क्या है पूरा मामला ?
मेधा पाटकर ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ को लेकर काफी सक्रिय थीं। उसी वक्त वी के सक्सेना नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज में एक्टिव थे। मेधा पाटकर के खिलाफ वी के सक्सेना ने आपराधिक मानहानि का केस अहमदाबाद कोर्ट में 2001 में दायर किया था। गुजरात ट्रायल कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लिया था, बाद में 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई गुजरात से दिल्ली के साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दी थी।