पूरे देश में आज सोमवार से 3 नए आपराधिक कानून हो गए हैं। अब देश में आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह 3 नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गए हैं। इस नए कानून के तहत तय समय सीमा में एफआइआर दर्ज करना अनिवार्य हो गया है। इसके अलावा राजद्रोह की जगह देशद्रोह अपराध बनाया गया है। वहीं कानून में भगोड़े अपराधियों की संपत्तियों की जब्ती और मॉब लिंचिंग मामले में आजीवन कारावास या मौत की सजा का प्रावधान किया गया है।
जानिए किन 83 अपराधों में बढ़ाई गई जुर्माने की राशि-
भारतीय दंड संहिता (IPC) भारतीय न्याय संहिता, (CRPC) को नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को भारतीय साक्ष्य अधिनियम से बदल दिया गया है। भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं (IPC की 511 धाराओं के स्थान पर) हैं। संहिता में कुल 20 नए अपराधों को जोड़ा गया है। साथ ही 33 अपराधों के लिए कारावास की सजा बढ़ाई गई है। 83 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है तथा 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा की शुरुआत की गई है।
6 अपराधों में सामुदायिक सेवा का दंड जोड़ा गया है तथा अधिनियम में 19 धाराओं को निरस्त किया गया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं (CRPC की 484 धाराओं के स्थान पर) हैं। संहिता में कुल 177 प्रावधानों में परिवर्तन किया गया है तथा इसमें 9 नई धाराओं के साथ-साथ 39 नई उप-धाराएं जोड़ी गई हैं। अधिनियम में 44 नए प्रावधान और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं। 35 धाराओं में समय-सीमा जोड़ी गई है तथा 35 स्थानों पर ऑडियो-वीडियो प्रावधान को भी जोड़ा गया है।
संहिता में कुल 14 धाराओं को निरस्त और हटाया गया है। भारतीय साक्षरता अधिनियम में 170 प्रावधान होंगे (मूल 167 प्रावधानों के स्थान पर, तथा कुल 24 प्रावधानों में परिवर्तन किया गया है। 2 नए प्रावधान तथा छह उप-प्रावधान जोड़े गए हैं तथा अधिनियम में 6 प्रावधानों को हटा दिया गया है।
यह भी पढ़ें:- भारतीय नौसेना दुनिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास में ले रही भाग, अब दुश्मन देशों की खैर नहीं!