Lucknow News- राजधानी लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी अस्पताल में लापरवाही का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। आरोप है, कि डॉक्टर ने यूट्यूब के सहारे 9 माह के बच्चे का डायलिसिस कर दिया। जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई। इस मामले में प्रशासन का कहना है, कि बच्चा 14 दिन से भर्ती था। वेंटिलेटर पर इलाज के दौरान कार्डियक अरेस्ट से उसकी मौत हुई है।
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बताते चलें, कि गोरखपुर के नंदानगर निवासी जितेंद्र यादव के बेटे अभियुदय को डायरिया होने पर स्थानीय अस्पताल में दिखाया। आराम नहीं मिलने पर कई अन्य अस्पतालों में दिखाया गया। इसके बाद 14 जून को केजीएमयू लेकर आए थे। आरोप है, कि डॉक्टरों और कर्मचारियों ने इलाज में लापरवाही बरती थी। बच्चे की पल्स रेट कम होने के बावजूद सीनियर डॉक्टरों को नहीं बुलाया। इतना ही नहीं यू-ट्यूब पर देखकर डायलिसिस करने से हालत और गंभीर हो गई। गले में गंदगी फंसने से सांस लेने तक में दिक्कत होने लगी थी। किसी डॉक्टर के नहीं आने पर जूनियर डॉक्टर ने मशीन से खुद ही गले में फंसी गंदगी निकाली थी।
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वहीं, बच्चे की मौत के मामले में केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह का कहना है, कि 14 जून को भर्ती करते समय बच्चे को बुखार, डायरिया, निमोनिया, पैन्सीटोपेनिया के लक्षण थे। बच्चा इससे पहले दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती था, जहां इम्यूनोडेफिशिएंसी के कारण आईवीआईजी थेरेपी भी दी गई थी। केजीएमयू में सांस लेने में दिक्कत होने पर वेंटिलेटर पर रखा गया। कुछ दिनों में बच्चे के मस्तिष्क और गुर्दों ने काम करना बंद कर दिए। इसके बाद डायलिसिस शुरु की गई। इससे शरीर में सूजन भी आ गई। इलाज के बाद भी हालत में सुधार नहीं हुआ और सेप्टीसीमिया के बाद मल्टी-ऑर्गन डिसफंक्शन हो गया था। कार्डियक अरेस्ट के कारण शुक्रवार को बच्चे की मौत हो गई। उन्होंने कहा, कि इलाज में लापरवाही का आरोप गलत है।