लखनऊ: पिछले दो लोकसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने वाली भाजपा को अबकी बार यूपी में बड़ा छटका लगा है। बीजेपी इस लोकसभा चुनाव में सिर्फ 33 सीटें जीतने में सफल रही। जबकि उसके सहयोगी दल रालोद व अपना दल (s) को क्रमश: 2 व 1 सीट में मिली हैं। फिलहाल भाजपा ने हार की समीक्षा करने के लिए टीम बनाई थी, उसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में भाजपा को भीतरघात के चलते नुकसान होना बताया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने हार की समीक्षा करने के लिए आंतरिक जांच कराई थी। जिसमें यह जानकारी निकल कर सामने आई है कि पार्टी के 100 से अधिक विधायकों का चुनाव के दौरान कार्य संदिग्घ रहा। अब यह सभी विधायक केंद्रीय नेतृत्व की रडार पर आ गए हैं। सूत्र बताते हैं कि इन विधायकों पर केंद्रीय नेतृत्व की नजर है। 2027 के विधानसभा चुनाव में भीरतघात करने वाले इन विधायकों के टिकट कट सकते हैं।
रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि जातीय समीकरण पक्ष में होने के बाद भी भाजपा कई विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव हार गई। इस सीटों पर हार की वजह पार्टी विधायकों द्वारा भीतरघात करना या फिर उनकी निष्क्रियता है। साथ ही जांच रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि विधायकों ने अंदरखाने से पार्टी के लोकसभा उम्मीदवारों के खिलाफ माहौल बनाया।
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2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने काटे थे 80 विधायकों के टिकट
भाजपा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में 80 विधायकों के टिकट काटे थे। अब माना जा रहा है कि 2027 के चुनाव में पार्टी का नुकसान कराने वाले विधायकों का टिकट कट सकता है। इसको लेकर विधानसभा वार मंथन चल रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूप्रेंद्र चौधरी और प्रदेश संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह इसको लेकर रणनीति बना रहे हैं।