नई दिल्ली- राजधानी दिल्ली में हुई भीषण बारिश के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने चिंता व्यक्त करते हुए जलभराव की स्थिति को खतरनाक बताया है। राजभवन में आयोजित आपातकालीन बैठक में उन्होंने दिल्ली सरकार और संबंधित एजेंसियों को जल निकासी के लिए अनधिकृत कालोनियों से लेकर अंडरपास एवं सुरंगों तक में पंप लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि बिजली कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों की छुट्टी पर 2 माह तक रोक लगाई जाए।
जिससे जल जमाव की वजह से शार्ट सर्किट होने की आशंका को कम किया जा सके। बता दें कि आज दिल्ली में मानसून की पहली मूसलाधार बारिश से कई इलाकों में जलभराव हो गया है, जिसे देखते हुए उपराज्यपाल ने राजभवन में दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों की आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में यह भी सामने आया कि गाद निकालने का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है, और ना ही बाढ़ नियंत्रण आदेश जारी किया गया है।
उपराज्यपाल ने दिल्ली में अत्यधिक बारिश और जलभराव की स्थिति के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली के लिए तैयारियों में कमी को गंभीरता से लिया। साथ ही निर्देश दिए कि एक आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाए, जो 24 घंटे कार्यरत रहे। इसके अलावा, सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है। \उपराज्यपाल ने आगे कहा कि आवश्यकता पड़ने पर मोबाइल पंपों का उपयोग किया जाना चाहिए।
अतिरिक्त पंपों की खरीद की जानी चाहिए और उन्हें निचले इलाकों, विशेष रूप से अनधिकृत कॉलोनियों में ऐतिहासिक रूप से जलभराव और अंडरपास और सुरंगों में ऑपरेट किया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि आई एंड एफसीडी नियमित रूप से हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में अपने समकक्षों के साथ संपर्क में रहे ताकि वर्षा के स्तर, हथनीकुंड बैराज से डिस्चार्ज का आकलन किया जा सके। राजस्व विभाग अत्यधिक वर्षा की स्थिति में डीडीएमए के तहत आपदा प्रतिक्रिया सेल को सक्रिय कर सके।
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