नई दिल्ली- हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (हीट) ‘अभ्यास’ ने सफलतापूर्वक अपने विकासात्मक परीक्षण पूरे कर लिए हैं। इस ड्रोन को विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए एक लक्ष्य के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। अभ्यास ने DRDO द्वारा संशोधित मजबूत कॉन्फ़िगरेशन में सभी छह विकासात्मक परीक्षणों को पूरा किया, जिनमें न्यूनतम रसद के साथ 30 मिनट के अंतराल में 2 बार लॉन्च किए गए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने इस उपलब्धि पर वैज्ञानिकों को बधाई दी।रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने सिंगल बूस्टर का उपयोग कर संशोधित मजबूत कॉन्फ़िगरेशन में विभिन्न मिशन उद्देश्यों के साथ हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट-अभ्यास के सभी 6 विकासात्मक परीक्षण पूरे किए हैं। इसके पहले 4 उड़ान परीक्षण इसी वर्ष फरवरी तक पूरे कर लिए गए थे।
यह सभी परीक्षण ओडिशा के तट से दूर एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर में किए गए। आखिरी दोनों परीक्षण भी DRDO ने बेहतर बूस्टर कॉन्फ़िगरेशन के साथ किए हैं। इसके परीक्षण बेहतर रडार क्रॉस सेक्शन, विजुअल और इन्फ्रारेड वृद्धि प्रणालियों के साथ हुए। सुरक्षित रिहाई, लॉन्चर क्लीयरेंस और धीरज प्रदर्शन को कवर करने वाले विभिन्न मिशन उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इस प्रणाली का उद्योगीकरण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और लार्सन एंड टुब्रो के माध्यम से किया गया है। अभ्यास का विकास भारतीय निर्माण एवं अभियांत्रिकी प्रणालियों का परिणाम है, जिसमें एक ऑटो पायलट, विमान एकीकरण, उड़ान-पूर्व जांच और लैपटॉप-आधारित ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम शामिल है।
इसके प्रमुख फीचर्स में शामिल हैं उच्च सबसोनिक गति पर एक उच्च सहनशक्ति का प्रदर्शन, जो विभिन्न रेंज के उपकरणों द्वारा कैप्चर किए गए डेटा से पुष्टि हुई। इस उपलब्धि पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO, सशस्त्र बलों और उद्योग जगत की सराहना की है। उन्होंने कहा कि सफल परीक्षण वैज्ञानिकों और उद्योग के बीच तालमेल का उल्लेखनीय प्रमाण हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने सफल उड़ान परीक्षण से जुड़ी टीमों को बधाई देते हुए कहा कि यह प्रणाली लागत प्रभावी है जिससे इसके निर्यात की अपार संभावनाएं हैं।
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