जम्मू में अमरनाथ यात्रा 2024 के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन आज 26 जून से शुरू हो गया है। पंजीकरण स्थल पर तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ देखी गई है, जो इस पवित्र यात्रा के लिए अपनी जगह सुनिश्चित करना चाहते हैं। बता दें कि हर साल लाखों श्रद्धालु इस कठिन यात्रा को बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पूरा करने का संकल्प लेते हैं। अमरनाथ यात्रा के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रशासन ने कई उपाय किए हैं।
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दक्षिणी जम्मू के एसडीएम मनु हंसा ने जानकारी देते हुए बताया कि “सरस्वती धाम टोकन सेंटर से अमरनाथ यात्रियों को ऑफलाइन टोकन दिया जा रहा है। इसके आधार पर पंजीकरण होता है और ये तय करता है कि आगे वो किस दिन यात्रा करेंगे। हमारे तीन ऑफलाइन पंजीकरण केंद्र हैं।”
एसडीएम के मुताबिक “27 जून के रजिस्ट्रेशन के लिए 1000 लोगों का कोटा आया है। ये लोग 29 जून को यात्रा करेंगे। 13 साल से कम और 70 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को यात्रा की अनुमति नहीं है। 6 महीने से अधिक की गर्भवती महिला को भी यात्रा की इजाजत नहीं है।”
29 जून से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा
इस बार अमरनाथ यात्रा 29 जून से प्रारंभ होगी और इसका समापन 19 अगस्त को होगा। पौराणिक मान्यता है कि बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई थी। गुफा में भगवान शिव का रूप बर्फ से ही प्रकट होता है। अमरनाथ शिवलिंग को बाबा बर्फानी के रूप में भी जाना जाता है।
भगवान अमरनाथ की गुफा लिद्दर घाटी में स्थित है। ये जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में है जो श्रीनगर से 140 किलोमीटर, पहलगाम से करीब 45-48 किलोमीटर और बालटाल से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अमरनाथ गुफा करीब 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। अमरनाथ यात्रा दो मार्गों से होती है। एक अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग है। दूसरा गांदेरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबा बालटाल मार्ग है। इस पवित्र गुफा के दर्शन करने के लिए भक्त जून-जुलाई और अगस्त के महीनों में कठिन यात्रा करते हैं।