Varanasi News- उत्तर प्रदेश राज्य में धार्मिक स्थलों के कायाकल्प को लेकर योगी सरकार ने नई पहल की शुरुआत कर दी है। इसके अन्तर्गत धर्मनगरी काशी में जैन समुदाय व बुद्ध समुदाय के मंदिरों के साथ गुरुद्वारे को संवारने का काम किया जा रहा है। आपको बताते चलें कि, दर्शनार्थियों व पर्यटकों को विभिन्न सुविधाएं देने के साथ इन मंदिरों के संरक्षण को लेकर भी बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से बजट भी पास कर दिया गया है। इसके लिए 2 वर्षों का समय निर्धारित किया गया है।
यह भी पढ़ें- NEET UG री-एग्जामिनेशन में 48 फीसदी अभ्यर्थियों ने छोड़ी परीक्षा, 813 छात्र परीक्षा में शामिल हुए!
20 करोड़ रुपयों के प्रोजेक्ट से होगा धार्मिक स्थलों को सहेजने का कार्य
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले को धर्मनगरी कहा जाता है। यहां पर लाखों की संख्या में पर्यटक मंदिरों व ऐतिहासिक स्थलों को देखने के लिए आते हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार की योगी सरकार ने पर्यटन विभाग को विरासतों को सहेजने का काम दिया है। जिसमें कई हिंदू मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। जिसमें काशी में मौजूद गुरुद्वारा, जैन मंदिर व बौद्ध मंदिरों के संरक्षण की प्रक्रिया भी शुरु की जाएगी। अलग-अलग फेजों में इसे तैयार किया जाएगा। लगभग 20 करोड़ के इस प्रोजेक्ट के अन्तर्गत शहर के प्राचीन मंदिरों को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा।
जल्द शुरु होगा काम
पर्यटन उपनिदेशक आर के रावत ने बताया कि, वाराणसी में मंदिरों को सहेजने की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है। हिंदू मंदिरों को योजना के अन्तर्गत संरक्षित किया गया है और अब गुरुद्वारा, जैन मंदिर व बुद्ध मंदिरों को संरक्षित करने की शुरुआत होने जा रही है। उन्होंने बताया कि, इसके लिए करीब 20 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। सरकार को इसकी संस्तुति भी भेजी गई है। जल्द काम शुरुकर दिया जाएगा।
दर्शनार्थियों व पर्यटकों को मिलेंगी सुविधाएं
दर्शनार्थियों व पर्यटकों को इन मंदिरों में बैठने की सुविधा से लेकर चलने के लिए रैंप, पानी की व्यवस्था, शौचालय की व्यवस्था, फसाद लाइट, छोटा ग्रीनरी पार्क, छोटी पार्किंग के अलावा कई तरह की मूलभूत सुविधाएं होंगी। पर्यटन उपनिदेशक ने बताया कि सारनाथ, भेलूपुर, भदैनी, चिंतामणि, चंद्रावती, पंचायती, बिहारी लाल, महावीर नारिया और खोजवा में मौजूद जैन मंदिरों को संरक्षित कराया जाएगा। इसके अलावा चंदौली के भी एक जैन मंदिर को सूची में शामिल किया गया है।