तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में अवैध शराब से मरने वालों का आंकड़ा दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। जानकारी के अनुसार जहरीली शराब पीने से अबतक 57 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं विभिन्न सरकारी अस्पतालों में कुल 156 लोगों का इलाज जारी है।उधर, पुलिस ने जहरीली शराब की आपूर्ति करने वाले मुख्य संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि मेथनॉल युक्त शराब पीने से इन लोगों की जान गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकारी कल्लकुरिची मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 32, सलेम के सरकारी मोहन कुमारमंगलम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 18, विल्लुपुरम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 4 और पुडुचेरी के जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च अस्पताल में 3 लोगों की जान गई है।
ये भी पढ़ें- NEET UG री-एग्जामिनेशन में 48 फीसदी अभ्यर्थियों ने छोड़ी परीक्षा, 813 छात्र परीक्षा में शामिल हुए!
शराब कैसे हो जाती है जहरीली ?
शराब में इस्तेमाल होने वाला एथेनॉल एक नशीला एजेंट है। अल्कोहल बनाने के दौरान इसी तरह का एक और लिक्विड मेथेनॉल भी पैदा होता है। अगर इसकी मात्रा ज्यादा हो जाए, तो ये बेहद खतरनाक हो जाता है। अगर व्यक्ति के शरीर में केवल 10 मिलीलीटर शुद्ध मेथेनॉल ही पहुंच जाए तो इससे इंसान स्थाई तौर पर अंधा हो सकता है, या उसकी जान जा सकती है। इसलिए शराब बनाते वक्त मेथेनॉल हटाने में काफी सावधानी बरतनी पड़ती है। अगर इसकी कुछ मात्रा भी छूट जाए तो ये जानलेवा हो सकती है।
क्या हैं मेथेनॉल प्वाइजनिंग के लक्षण ?
इसके शुरुआती लक्षण नशे की तरह ही होते हैं। लेकिन धीरे-धीरे 10 या इससे ज्यादा घंटे बीतने पर असर दिखना शुरू हो जाता है। पीने वाले को सिरदर्द, पेट दर्द, उल्टी और धुंधला दिखना जैसी शिकायतें होती रहती हैं। एक बार लक्षण दिखने के बाद हालात बिगड़ते ही चले जाते हैं। मेथेनॉल प्वाइजनिंग से दिल का दौरा पड़ने और कोमा में चले जाने से लेकर व्यक्ति की मौत का भी खतरा होता है।
विदेशों में भी है अवैध शराब का बड़ा बाजार
अवैध अल्कोहल का मामला विदेशों में भी खूब फलफूल रहा है। यूरोप से लेकर अफ्रीका तक अवैध और मिलावटी शराब का बड़ा बाजार फैला हुआ है। 2022 में यूएन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनिया में शराब उत्पादन का एक चौथाई अवैध तौर पर ही होता है, यानी हर चार बोतल में से एक बोतल अल्कोहल अवैध ही होती है। ये कानूनी नियमों और लाइसेंसिंग को नजरअंदाज करते हुए बनाई जाती है, ताकि शराब बनाने वालों और बेचने वालों को टैक्स न देना पड़े और ज्यादा से ज्यादा फायदा हो सके। बता दें कि विश्व में अवैध शराब की भी खूब तस्करी होती है। सीधे बना अल्कोहल हो या एथेनॉल, इन सभी की तस्करी की जाती है।