भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों के कारण 30 जून के बाद क्रेडिट कार्ड के पेमेंट में परेशानी हो सकती है। दरअसल साइबर फ्रॉड पर अंकुश लगाने के मकसद से RBI ने क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट को एक ही प्लेटफॉर्म से प्रोसेस करने का निर्देश दिया है। इसके चलते एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक समेत 26 बैंकों के क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को बिल पेमेंट करने में परेशानी आ सकती है।
ये भी पढ़ें- मलावी और जिम्बाब्वे को 2 हजार मीट्रिक टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात को मंजूरी, केंद्र सरकार ने दी अनुमति
भारतीय रिजर्व बैंक ने दिए निर्देश
RBI ने अपने निर्देश में साफ किया है कि 30 जून के बाद सभी क्रेडिट कार्ड पेमेंट,, भारत बिल पेमेंट सिस्टम (बीबीपीएस) के माध्यम से ही प्रोसेस होंगे, लेकिन 26 बैंकों ने अभी तक बीबीपीएस को एक्टिवेट नहीं किया है। बता दें कि धोखाधड़ी वाले लेनदेन को ट्रैक करने और उनका सही समय से समाधान निकालने के लिए RBI ने क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट को एक ही प्लेटफॉर्म से प्रोसेस करने को कहा है।एक ही प्लेटफॉर्म होने से RBI पेमेंट ट्रेंड्स पर भी नजर रख सकेगा, जिससे क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाले साइबर फ्रॉड पर भी अंकुश लग सकेगा।
फिलहाल बिल डेस्क, फोन-पे, क्रेड और इंफी बीम एवेन्यू जैसे कुछ प्रमुख प्लेटफार्मों के माध्यम से क्रेडिट कार्ड बिल को प्रोसेस किया जाता है, लेकिन RBI के निर्देशों के बाद सभी क्रेडिट कार्ड पेमेंट बीबीपीएस के जरिए ही किए जाएंगे। ऐसे में करोड़ों क्रेडिट कार्ड ग्राहकों को परेशानी आ सकती है।
आपको बता दें कि सिर्फ एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक ने ही 5 करोड़ से अधिक क्रेडिट कार्ड जारी किए हैं। इसके अलावा बीबीपीएस एक्टिवेट नहीं करने वाले शेष 23 बैंकों द्वारा भी काफी बड़ी संख्या में क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं।जानकारी के मुताबिक अभी तक सिर्फ 8 बैंकों ने ही बीबीपीएस पर बिल पेमेंट की प्रक्रिया को एक्टिव किया है, जबकि देश में कुल 34 बैंकों को क्रेडिट कार्ड जारी करने की अनुमति दी गई है।
क्रेडिट कार्ड पेमेंट सिस्टम को जारी रखने के लिए जिन 8 बैंकों ने बीबीपीएस को एक्टिवेट किया है, उनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, इंडसइंड बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, कोटक महिंद्रा बैंक और फेडरल बैंक के नाम शामिल हैं। हालांकि पेमेंट इंडस्ट्री ने RBI से बीबीपीएस की समय सीमा को और 90 दिनों तक बढ़ाने की मांग की है, लेकिन रिजर्व बैंक ने अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है।