Lucknow News- वाराणसी में ज्ञानवापी सर्वे का आदेश दे चुके स्पेशल जज रवि कुमार दिवाकर को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की गई है। NIA के स्पेशल जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने गुरुवार को रजिस्ट्रार जनरल को इस संबंध में पत्र लिखा है। बता दें कि 2022 में वाराणसी में तैनाती के दौरान उन्होंने ज्ञानवापी में सर्वे का आदेश दिया था।
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सोशल मीडिया के जरिए मिली थी धमकी
ज्ञानवापी मामले में 2022 में सर्वे का आदेश देने वाले जज रवि कुमार दिवाकर को सोशल मीडिया के जरिए जान से मारने की धमकी मिली है। जिसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग वाली याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में दी गई। है। NIA के स्पेशल जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को पत्र लिखकर उनकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। बताते चलें कि रवि कुमार दिवाकर इस समय बरेली में फास्ट ट्रैक कोर्ट-प्रथम के जज हैं। बीते दिनों इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिये उन्हें धमकी दी गई थी।
गोमतीनगर पुलिस थाने में दर्ज हुआ था मुकदमा
बताते चलें कि 3 जून को लखनऊ के गोमतीनगर पुलिस थाने के दारोगा प्रभाकर ओझा ने भोपाल के अदनान खान पर कानूनी कार्रवाई करते हुए निवारण अधिनियम, धमकी व सद्भाव बिगाड़ने की धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया था। फिर 14 जून को उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ हुई। उसके पास से दो मोबाइल फोन व एक पेन ड्राइव बरामद की गई।
पहले भी मिल चुकी है धमकी
धमकी देने के मामले में विवेचक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, कि जज रवि कुमार दिवाकर की हत्या का षड्यंत्र रचा जा रहा है। आरोपी अदनान ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने व विद्वेष फैलाने के लिए राष्ट्र विरोधी कार्य किया है। उस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है। इसके बाद जज की सुरक्षा बढ़ाने की प्रक्रिया शुरु की गई। बता दें, कि वर्ष 2022 में वाराणसी में तैनाती के दौरान भी जज को धमकी दी गई थी। उस समय इस्लामिक आगाज मूवमेंट का अध्यक्ष बताने वाले काशिफ अहमद सिद्दीकी की ओर से पत्र भेजा गया था। इसके अलावा पिछले वर्ष 29 मई को फोन कॉल पर एक युवक ने भी धमकाया था।