Lucknow News- अवैध रूप से बनाई गई अकबरनगर बस्ती को लखनऊ विकास प्राधिकरण ने ध्वस्त कर दिया है। इसके अवाला शहर में कई और ऐसी अवैध बस्तियां हैं, जिन पर विकास प्राधिकरण कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। बताते चलें कि ऐसी और भी अवैध बस्तियां हैं जो कुकरैल नदी के एलाइनमेंट आ रही हैं। इन बस्तियों में आदिल नगर और अबरार नगर भी शामिल हैं। यह सभी कुकरैल नदी के लगभग 15 किलोमीटर में फैली हुई हैं।
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अबरार नगर और आदिल नगर में 1500 अवैध निर्माण होंने की संभावना
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अन्तर्गत कुकरैल नदी को बचाने के लिए इन बस्तियों को भी हटाने की आवश्यकता है। इन बस्तियों को हटाने से पहले चिंहित करने के लिए अधिकारियों द्वारा सर्वे किया गया। इस दौरान स्थानीय नागरिकों ने विरोध किया। आपको बताते चलें कि सरकार ने कुकरैल रिवर फ्रंट विकास के लिए कुकरैल नदी को जीवित करने का निर्णय लिया है। जिसके अन्तर्गत अवैध सभी बस्तियां हटाई जाएंगी। अबरार नगर और आदिल नगर में मिलाकर लगभग 1500 अवैध निर्माण होंने की संभावना जताई जा रही है।
गोमती नदी की सहायक नदियों में से एक है कुकरैल नदी
डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के पर्यावरणविद् प्रो वेंकटेश दत्ता ने बताया कि कुकरैल नदी, गोमती नदी की सहायक नदियों में से एक है। जोकि मध्य लखनऊ से गुजरते हुए बड़ी मात्रा में पानी लाने का काम करती है। उन्होंने बताया कि पहले बरसात के मौसम में सभी छोटी नदियां पर्याप्त मात्रा में पानी के साथ बहती थीं और गर्मी के मौसम में सिकुड़कर एक संकीर्ण धारा में बदल जाती थीं, लेकिन नदियों, सहायक नदियों और प्राकृतिक नालों के किनारे बांधों के निर्माण और कई विकास के कार्यों से जलधाराओं को नुकसान पहुंचा है। जिससे जिले की कई प्राकृतिक धाराएं और नाले बंद हो गए हैं। कई पुराने नाले और जलाशयों को शहरीकृत क्षेत्र में बदल दिया गया है।
कई अवैध बस्तियों पर चलेगा बुलडोजर
बता दें कि लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अकबरनगर बस्ती के लगभग 1800 अवैध निर्माण को ध्वस्त किया है। इसके बाद कुकरैल नदी के उद्गम स्थल की ओर अवैध निर्माणों को तोड़ने का क्रम शुरु होगा। अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा के नेतृत्व में एक टीम ने अबरार नगर और आदिल नगर का गुरुवार की शाम को निरीक्षण किया था। इस दौरान स्थानीय लोगों के विरोध के चलते सर्वे को बीच में ही बंद करना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगली बार सुरक्षा के साथ सर्वे किया जाएगा। बताते चलें कि रिंग रोड से अस्ति गांव तक लगभग 15 किलोमीटर के क्षेत्र में स्कॉर्पियो क्लब, आदिल नगर, अबरार नगर के अलावा कई छोटी-मोटी कॉलोनी आती हैं। इसके अलावा कुकरैल जंगल भी इसमें शामिल है। लखनऊ विकास प्राधिकरण इन सारी बस्तियों को धीरे-धीरे ध्वस्त कर देगा।
एलडीए उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशानुसार कुकरैल नदी को पुनर्जीवित करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। नदी को प्रभावित करने वाले अवैध निर्माण और अतिक्रमण को हटाया जाएगा।