Lucknow News- उत्तर प्रदेश में सरकारी बसों से यात्रा करने वालों के लिए योगी सरकार की तरफ से फेयर स्टॉपेज पॉलिसी की शुरुआत होने जा रही है। इस पॉलिसी का उद्देश्य यात्रियों को कम समय और कम खर्च में यात्रा कराना है।
यह भी पढ़ें- भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी का राहुल गांधी पर तंज, बोले- इतनी उम्र होने के साथ अक्ल भी आनी चाहिए
उत्तर प्रदेश राज्य में 1400 फेयर स्टॉपेज बनाने की पॉलिसी बनकर तैयार हो गई है। जल्द ही इसको लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए तैयारी हो रही है। बात दें कि प्रदेश भर के रिक्वेस्ट स्टॉपेज को फेयर स्टॉपेज में बदला जाएगा। ऐसा होने से यात्रियों को आगे की यात्रा करने में आसानी होगी। यात्रियों से पिछले वाले स्टेशन का किराया नही लिया जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि यात्रियों की जेब पर किराए का भार कम हो जाएगा।
लखनऊ शहर में विभिन्न जगहों पर बनेंगे फेयर स्टॉप
लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में डग्गेमारी पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश भर में 1400 नए फेयर स्टॉपेज बनाने के पड़ाव की अंतिम तैयारी चल रही हैं। लखनऊ में भी 6 से अधिक फेयर स्टॉपेज बनाए जाएंगे। फेयर स्टॉपेज ऐसे स्टॉपेज होंगे, जहां से यात्रियों को आगे की यात्रा के लिए बस स्टेशन पर बस पकड़ने के लिए नहीं आना पड़ेगा। उन्हें अपने ही आसपास बस स्टॉपेज मिलेगा जहां से वे अपनी मंजिल के लिए बस पकड़ सकेंगे। इसका फायदा यह होगा, कि यात्रियों को बस पकड़ने के लिए बस स्टेशन आने का पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा। साथ ही उनके समय की भी बचत होगी। फेयर स्टॉपेज से आगे की यात्रा के लिए ही यात्री को किराए का भुगतान करना होगा।
प्रार्थना स्टॉपेज से यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएं
प्रार्थना स्टॉपेज ऐसे स्टॉपेज को कहा जाता है, जो किसी की रिक्वेस्ट पर यात्रियों की सुविधा के लिए बनाए जाते हैं। इससे यात्रियों को बस पकड़ने के लिए बस स्टेशन जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। हालांकि, इस सुविधा के एवज में परिवहन निगम यात्रियों से बस का किराया बस स्टेशन से ही वसूल करता है।
फेयर स्टॉपेज बनने से यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएं
फेयर स्टॉपेज ऐसे बस स्टॉपेज हैं, जहां पर यात्रियों को परिवहन निगम बस पकड़ने की सुविधा तो देगा, लेकिन इसके एवज में बस स्टेशन से दूरी का किराया नहीं वसूलेगा। फेयर स्टॉप से ही यात्री को आगे की दूरी का किराया देना होगा। इससे यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। कम पैसे में ही यात्री अपना सफर पूरा कर सकेंगे। उन्हें स्टेशन से फेयर स्टॉप तक किराया नहीं देना होगा।
यात्रियों की सुविधाओं के लिए परिवहन विभाग में किए जा रहे बदलाव को लेकर मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा है, कि मुख्यालयों और बड़े शहरों के अंदर दो स्टॉप के बीच की दूरी तीन किलोमीटर के बीच होगी, लेकिन यह पांच किमी से ज्यादा नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बसों के स्टाप के संबंध में ग्राम्य सेवाएं, शटल स्थानीय सेवाएं, सीमित स्टॉप सेवाएं, एक्सप्रेस सेवाएं, सुपरफास्ट सेवाओं के रूप में बांटा गया है।
इनमें ग्राम्य सेवा की बसें मार्ग पर प्रत्येक स्टाप पर रुकेंगी और इनकी औसत गति 40 किमी प्रति घंटा होगी। इसके अलावा स्थानीय शटल सेवाएं दो जिलों की सीमाओं के बीच चलेंगी। यह भी हर स्टॉप पर रुकेंगी। इनकी औसत गति 46 किमी प्रति घंटा होगी। सीमित स्टॉप वाली बस सेवा अपने पूर्व निर्धारित स्टॉप पर रुकेगी। इन सेवाओं की बसें 5000 की जनसंख्या से कम वाले गांव में नहीं रुकेंगी। इसकी औसत गति 55 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी।