नई दिल्ली: केंद्र में एनडीए की सरकार का गठन होने के बाद, अब लोकसभा स्पीकर बनाने की कवायद तेज हो गई है। मीडिया में खबरें आ रही हैं कि स्पीकर पद चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी चाहती है। इसको लेकर राजनीतिक हलचल तेज है। अब इस का फायदा विपक्षी गठबंधन की पार्टियां भी उठा रही हैं।
इस लड़ाई में अब शिवसेना (UBT) भी कूद पड़ी है। शिवसेना प्रवक्ता व राज्यसभा सांसद संजय राउत ने लोकसभा स्पीकर पद के लिए टीडीपी के समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी TDP को स्पीकर पद के लिए समर्थन करेगी।
जेडीयू ने बीजेपी का किया समर्थन
वहीं, जेडीयू नेता केसी त्यागी ने लोकसभा स्पीकर पद के लिए बीजेपी का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि गठबंधन में सबसे बड़ा दल होने के नाते स्पीकर पद पर पहला हक बीजेपी का ही है। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष का पद सबसे मर्यादित पद होता है। इसलिए इस पद पर सबसे पहला हक सत्ताधारी दल का होता है।
साथ ही केसी त्यागी ने विपक्षी गठबंधन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हम एनडीए के साथ 35 सालों से हैं। कभी भी ऐसा नहीं हुआ की बीजेपी ने हमारे दल को तोड़ने की कोशिश की हो।
संजय राउत ने बिछा दी सियासी बिसात
लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए 26 जून को चुनाव होना है। इसको लेकर विपक्षी गठबंधन के दल अपना सियासी लाभ खोजने में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने बड़ा दावा किया था। उन्होंने कहा था कि चंद्रबाबू नायडू ने भाजपा से स्पीकर पद की मांग की है।
अगर वह अपनी पार्टी की ओर से प्रयाशी उतारते हैं, तो विपक्षी गठबंधन उनका समर्थन करेगा। साथ ही राउत ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि इस बार संसद में 2014 और 2019 जैसी स्थिति नहीं है। एनडीए की सरकार स्थिर नहीं है, कुछ भी हो सकता है। इसलिए स्पीकर की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रहने वाली है।