नई दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट ने NEET पेपर लीक की CBI जांच वाली मांग पर सुनवाई करते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को नोटिस जारी किया है। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने इस याचिका को NEET से जुड़ी दूसरी याचिकाओं के साथ टैग करते हुए मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई करने का आदेश दिया। सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मामला 24 लाख छात्र-छात्राओं के भविष्य से जुड़ा है।
यह याचिका NEET परीक्षा में शामिल कुछ छात्रों ने दायर की है। याचिका में इस तथ्य की ओर ध्यान दिलाया गया कि ओडिशा, कर्नाटक और झारखंड के कुछ छात्रों का परीक्षा केंद्र गोधरा के पंचमहाल स्थित परीक्षा केंद्र पर पड़ा। इस परीक्षा केंद्र से NEET क्लियर करने के लिए छात्रों से 10-10 लाख रुपए लिए गए। इस मामले में गुजरात पुलिस ने FIR भी दर्ज की है। NEET परीक्षा में धांधली के मामले में पटना में भी FIR दर्ज की गई है।
वहीं याचिका में कुछ खबरों का भी जिक्र किया गया कि इस पेपर लीक रैकेट का सरगना उत्तर प्रदेश का है। जिसने 60 करोड़ रुपए में NEET के प्रश्नपत्र हासिल किए। याचिका में NEET परीक्षा में ग्रेस मार्क्स देने के तौर-तरीकों पर भी सवाल उठाए गए।
सरकार ने NEET पेपर लीक को नकारा-
केंद्र सरकार ने NEET UG एग्जाम में हुए पेपर लीक की बात को नकार दिया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अभी तक NEET एग्जाम में किसी तरह की कोई गड़बड़ी, भ्रष्टाचार या पेपर लीक होने के कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। इससे जुड़े सभी फैक्ट्स सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हैं और सभी पर विचार चल रहा है। कहा कि भ्रम फैलाने के प्रयास से इस मुद्दे पर राजनीति की जा रही है। इसकी वजह से छात्रों की मानसिक शांति प्रभावित होती है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि NEET काउंसलिंग शुरू होने वाली है। इस बीच पेपर लीक को राजनीतिक मुद्दा बनाना अनुचित है। ऐसा करना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के समान होगा। सरकार का ध्यान हमेशा से ही छात्रों के उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करने पर रहा है।
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