लखनऊ: लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में NDA की सरकार भी बन चुकी है। लेकिन, यूपी में कुछ ऐसे सांसद जीते हैं, जिनके खिलाफ कई मामले चल रहे हैं। साथ ही माननीयों पर कई मामलों में आरोप तय भी हो चुके हैं। ऐसे में उनकी सांसदी जाने का खतरा लगातार बना हुआ है। नेताजी चिंतित हैं कि कब उनके खिलाफ चल रहे मुकदमों का फैसला आ जाए और सांसदी चली जाए। आज यूपी के उन सांसदों के बारे में चर्चा करते हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं।
बाबू सिंह कुशवाहा
मायावती सरकार में मंत्री रहे, बाबू सिंह कुशवाहा भले ही लंबे समय के वनवास के बाद जौनपुर से सांसद बन गए हों। लेकिन, उन के ऊपर NRHM घोटाले का बड़ा आरोप है। आय से अधिक संपत्ति सहित उनके विरुद्ध 8 मामले चल रहे हैं। केंद्रीय जांच एजेंसियां मामलों की जांच कर रही हैं। अगर कोर्ट किसी भी मामले में उन्हें 2 साल से अधिक की सजा सुनाती है, तो उनकी लोकसभा की सदस्यता जाना तय माना जा तय है।
चंद्रशेखर आजाद
नगीना सीट से सांसद बने आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद पहली बार लोकसभा पहुंचे हैं। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को भारी अंतर से हराकर चुनाव जीता है। लेकिन, उनकी सांसदी पर खतरे की तलवार लटक रही है। दरअसल, नामांकन के दौरान दिए गए हलफनामे के अनुसार, उनके खिलाफ 36 मुकदमें दर्ज हैं। जिसमें से कई मामले तो संगीन धाराओं के तहत दर्ज किए गए हैं। मीडिया रिपोट्स के अनुसार, चार मामलों में आरोप भी तय हो चुके हैं। अब अगर उन्हें सजा मिलती है, तो सांसदी जाना तय है। साथ ही अगले चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लग सकता है।
अफजाल अंसारी
मृतक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी 2024 में सपा के टिकट पर गाजीपुर से सांसद चुने गए हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वह बसपा से सांसद बने थे। लेकिन, उनके खिलाफ दर्ज मामले पीछा नहीं छोड़ रहे। कोर्ट ने उन्हें पहले भी गैंगस्टर मामले में 4 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, बाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी। हालांकि, यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं, अगर उन्हें सजा होती है, तो सांसदी जाना तय माना जा रहा है।
धर्मेंद्र यादव
उपचुनाव हारने के बाद, आजमगढ़ से भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को बड़े अंतर से चुनाव हराने वाले धर्मेंद्र यादव की लोकसभा सदस्यता पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। मुलायम परिवार के सदस्य धर्मेंद्र यादव के खिलाफ 4 अभियोग दर्ज हैं। इसमें से बदायूं में दर्ज एक केस में कोर्ट 2023 में आरोप तय भी तय कर चुकी है।
राम भुआल निषाद
वरिष्ठ भाजपा नेता मेनका गांधी को सुलतानपुर से चुनाव हराने वाले सपा प्रत्याशी राम भुआल निषाद की लोकसभा सदस्यता पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। उनके खिलाफ 8 मामले दर्ज हैं। कोर्ट ने उनके खिलाफ गोरखपुर में दर्ज, गैंगस्टर व जानलेवा हमला करने के मामले में आरोप भी तय कर दिए हैं। बस सजा का ऐलान होना शेष है, अगर कोर्ट उन्हें 2 साल से अधिक की सजा सुनाती है, तो लोकसभा की सदस्यता रद्द हो जाएगी।
इमरान मसूद
कांग्रेस नेता इमरान मसूद सहारनपुर लोकसभा सीट सें सांसद चुने गए हैं। लेकिन, उनके खिलाफ दर्ज 8 मामले परेशानी का सबब बन गए हैं। मसूद के खिलाफ ईडी ने मनी लांड्रिंग का भी केस दर्ज किया है। दो मामलों में आरोप भी तय हो चुके हैं। जिसको देखते हुए उनकी सांसदी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
वीरेंद्र सिंह
वीरेंद्र सिंह 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर सांसद चुने गए हैं। लेकिन, उनके खिलाफ तीन मामले गंभीर धाराओं में दर्ज हैं। बीती जुलाई में उनके खिलाफ एक मामले में आरोप भी तय हो चुके हैं। जिसको देखते हुए वह अपनी सांसदी को लेकर चिंतित होंगे।
इन सांसदों की लोकसभा सदस्यता पर खतरा
हाथरस से भाजपा सांसद अनूप प्रधान पर भी एक मामले में आरोप तय हो गए हैं। बस फैसला आना बाकी है। वहीं, बिजनौर लोकसभा सीट से आरएलडी सांसद चंदन चौहान के खिलाफ 3 आपराधिक मामले, बागपत से आरएलडी सांसद राजकुमार सांगवान के विरुद्ध भी 3 आपराधिक मामले दर्ज हैं। हालांकि, दोनों सांसदों पर अभी आरोप तय नहीं हुए हैं।
सजा होने पर क्यों चली जाती है सदस्यता?
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत अगर किसी विधायक, सांसद, विधान परिषद सदस्य, राज्यसभा को कोर्ट दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाती है, तो उसकी सदन की सदस्यता रद्द मानी जाएगी। साथ ही उसे 6 साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
हालांकि, जुलाई 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8(4) को रद्द कर दिया था। धारा 8(4) ट्रायल कोर्ट द्वारा दोषसिद्ध सांसदों, विधायकों, राज्यसभा सांसदों और MLC को अपने पद पर बने रहने की अनुमति देती है। बशर्ते उन्हें ट्रायल कोर्ट द्वारा फैसले के 3 माह के अंतर अपनी दोषसिद्धि/सजा के खिलाफ संबंधित उच्च अदालत में अपील दायर करनी होती है।