Lucknow News- उतर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की 8 सीटों पर जीत हासिल करने वाले विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव समेत विधानसभा सदस्य अपनी विधायकी से इस्तीफा देंगे। इसके साथ ही विधान परिषद के सदस्य और योगी के पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद भी से इस्तीफा देंगे। बता दें कि जितिन प्रसाद लोकसभा चुनाव जीतने के बाद रविवार को तीसरी मोदी सरकार में राज्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं।
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वहीं, यूपी के अम्बेडकर नगर लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वाले सपा नेता लालजी वर्मा ने शुक्रवार को ही विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को अपना त्याग-पत्र सौंप चुके हैं। इन सभी के इस्तीफों के बाद विधानसभा और विधान परिषद सचिवालय की इन सीटों को रिक्त घोषित करते हुए, चुनाव आयोग को उप-चुनाव कराने को पत्र लिखेगा। जिसके बाद 6 महीने के अंदर निर्वाचन आयोग उन सीटों पर उप-चुनाव करवा देगा। विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वालों में अखिलेश यादव समेत तीन और विधायक सपा के होंगे जबकि, तीन विधायक भाजपा के होंगे।
वहीं राष्ट्रीय लोकदल और निषाद पार्टी के लोकसभा चुनाव जीते एक-एक विधायक भी अपना इस्तीफा देंगे। निषाद पार्टी के विधायक विनोद कुमार बिंद को भाजपा ने भदोही सीट से लोकसभा प्रत्याशी बनाया था, जहां उन्होंने शानदार जीत हासिल की।
जानिए इस्तीफा देने वाले विधायकों के नाम
1- मैनपुरी की करहल सीट से सपा विधायक अखिलेश यादव
2- फैजाबाद की मिल्कीपुर सीट से सपा विधायक अवधेश प्रसाद
3- मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से सपा विधायक जियाउर रहमान बर्क
4- अलीगढ़ की खैर सीट से भाजपा अध्यक्ष अनूप वाल्मीकि प्रधान
5- गाजियाबाद विधानसभा सीट से भाजपा विधायक अतुल गर्ग
6- फूलपुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक प्रवीण पटेल
7- मीरापुर विधानसभा सीट से रालोद विधायक चंदन चौहान
8- मीरजापुर की मझवा सीट से निषाद पार्टी के विधायक विनोद कुमार बिंद
उप-चुनाव से सरकार पर पड़ेगा करोड़ो रुपयों का अतिरिक्त खर्च
आपको बताते चलें कि किसी दूसरे सदन का सदस्य निर्वाचित होने के बाद नियमानुसार चुने गए नेता को 14 दिन के अंदर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना होता है। प्रदेश के उप-मुख्य चुनाव अधिकारी रहे चुके एक अधिकारी के अनुसार विधानसभा की एक सीट पर उप-चुनाव करवाने में सरकार का करीब सवा करोड़ रुपया खर्च होता है। इस हिसाब से खाली होने वाली इन 8 सीटों पर होने वाले उप-चुनाव के रूप में जल्द ही सरकार की तिजोरी पर अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला है। अगर इसमें कानपुर की सीसामऊ सीट को भी जोड़ लें, तो उप-चुनाव का खर्च और भी ज्यादा हो जाएगा। बता दें कि कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा विधायक इरफान सोलंकी को कोर्ट से सजा मिल चुकी है, जल्द ही यह सीट भी रिक्त घोषित होगी।