नई दिल्ली: अपनी अतिक्रमणकारी नीतियों की वजह से दुनिया भर में बदनाम चीन को भारत ने कड़ा जवाब दिया है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली नव निर्वाचित सरकार ने तिब्बत के 30 स्थानों के नाम बदलने वाले प्रस्ताव की स्वीकृति दे है। इससे चीनी सरकार को मिर्ची लगनी तय है। माना जा रहा कि भारत सरकार का यह फैसला चीन के उस फैसले का कड़ा जवाब है जिसमें चाइना ने अरुणाचल प्रदेश के 30 स्थानों का नाम बदल दिया था। जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी।
इस नामाकरण के पीछे मोदी सरकार का उद्देश्य तिब्बत में स्थित स्थानों को अपना नाम देकर क्षेत्रीय दावों को मजबूत करना है। न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, तिब्बत के 30 स्थानों के नाम बदलने की स्वीकृति मोदी सरकार ने दे दी है। इसमें 11 आवासीय क्षेत्र, 12 पहाड़, चार नदिया, एक झील, एक पहाड़ी दर्रा और एक जमीन का टुकड़ा सम्मलित है। इन स्थानों के नाम तिब्बत क्षेत्र के आधार पर ही रखे जाएंगे। भारतीय थल सेना इन नामों को जारी करेगी और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर अपडेट भी किया जाएगा।
5 मई, 2020 को पैंगोंग क्षेत्र में चीनी अतिक्रमण पर भारतीय जवान व चीनी सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी। तभी दोनों देशों के बीच 21 दौर की सैन्य वार्ता भी हुई। हालांकि अभी भारत और चीन के बीच व्यापारिक संबंधों के अलावा अन्य मुद्दों पर बातचीत नहीं होती।
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चीनी सरकार द्वारा अरुणाचल प्रदेश के 30 स्थानों के नाम रखने पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी। विदेश मंत्री जय शंकर प्रसाद ने कहा था कि चीन के मनगढ़ंत नाम रख लेने से हकीकत नहीं बदल जाएगी। अरुणाचल प्रदेश का हर भाग भारत का अभिन्न अंग और अविभाज्य अंग है।