Kanpur News- 16 जून को गंगा दशहरा पर्व पड़ रहा है। गंगा दशहरा हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन माता-गंगा की पूजा का विधान है। इस दिन हस्त नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है, जिसकी वजह से यह दिन भक्तों के लिए बेहद शुभ है। इस दिन सिद्धनाथ घाट सहित शहर के 23 घाटों पर चुनरी, दूध, दही, घृत आदि से मां-गंगा का अभिषेक किया जाएगा। यह बातें मंगलवार को सिद्धनाथ मंदिर के महंत बालयोगी अरुणपुरी चैतन्य महाराज ने बताईं।
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सुबह 7 बजे से शुरु होगा गंगा-पूजन
गंगा दशहरा पर्व की तैयारियों को लेकर महंत बालयोगी अरुणपुरी चैतन्य महाराज ने बताया कि तैयारियों को लेकर मां गंगा सेवा समिति की केंद्रीय समिति ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इस बार गंगा दशहरा पर जाजमऊ स्थित सिद्धनाथ घाट पर विशेष आयोजन होगा। आयोजन में पतित पावनी मां गंगा का 11 सौ मीटर चुनरी से श्रृंगार किया जाएगा। इसके अलावा शहर के 23 घाटों पर भी गंगा का चुनरी, दूध, दही, घृत आदि से अभिषेक किया जाएगा। सिद्धनाथ घाट पर आयोजन के लिए 14 हजार परिवारों को निमंत्रण समिति की ओर से निमंत्रण दिया जा रहा है। सिद्धनाथ घाट पर होने वाले आयोजन में शाम साढ़ें 4 बजे से राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों की ओर से भजनों की प्रस्तुति की जाएगी। सुबह 7 बजे से गंगा पूजन शुरु हो जाएगा। प्रसाद वितरण दोपहर 12 बजे से रात 12 तक चलेगा।
100 साल के बाद बन रहा शुभ संयोग
आचार्य रामऔतार पाण्डेय ने बताया कि जो लोग शुभ अवसर पर माता-गंगा की उपासना करते हैं और दान-पुण्य और धार्मिक कार्य करते हैं, उनके परिवार में खुशियों का आगमन होता है। ऐसी मान्यता है, कि इस दिन तिल का दान करने से घर में उन्नति बनी रहती है। इसके साथ ही इस तिथि पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देना भी बहुत अच्छा माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति के सभी कार्य सफल होते हैं और मनचाही नौकरी प्राप्त होती है। इस बार गंगा दशहरा के दिन अमृत सिद्धि योग रहेगा। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि और रवि नामक शुभ योग भी इस दिन होंगे। माना जा रहा है कि ऐसा संयोग लगभग 100 साल के बाद बन रहा है।