Banda News- उत्तर प्रदेश की खाकी वर्दी एक बार फिर से दागदार हो गई है। बांदा पुलिस ने डकैती के मामले में पूछताछ के बहाने एक युवक को थाने के अंदर अमानवीय यातनाएं दी। मारपीट के दौरान युवक की जीभ कटकर गिर गई। जिससे वह लहूलुहान हो गया। सीरियस हालात में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। जीभ के कारण कई महीने तक वह बोल नहीं सका। जब बोलने लायक हुआ, तब उसने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन एसओजी प्रभारी व थाना प्रभारी सहित 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत किया गया है।
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यूपी के बांदा जिले में पुलिस थाना मरका अंतर्गत दुबेन गांव के रहने वाले अशोक उर्फ बड़कवा ने न्यायालय में शिकायत पत्र दिया गया था। इस पत्र के माध्यम से पीड़ित ने बताया कि 23 फरवरी 2021 को ग्राम कुसमिहन पुरवा मजरा मऊ थाना मरका क्षेत्र के रहने वाले संतोष गौतम के घर में बदमाशों ने डकैती की घटना को अंजाम दिया था। पुलिस ने डकैती की इस घटना का खुलासा करते समय उसे पकड़ कर अपने साथ ले गई थी।
पुलिस पर आरोप लगाते हुए उसका कहना है कि घटना का खुलासा करने के लिए तत्कालीन थाना प्रभारी मर्का, एसओजी प्रभारी आलोक सिंह, एसआई आनंद सिंह, उप निरीक्षक और दो पुलिसकर्मी गांव के ही रज्जन, दीपक, राजवा व सुनील को पकड़ कर ले गए। उनको पकड़ने के दो दिन बाद मुझे भी पुलिस थाने पर बुलाया गया और फिर हिरासत में ले लिया गया। पुलिस पर आरोप लगाया गया है कि अशोक को हिरासत में लेने के बाद उसको सभी पुलिसकर्मियों ने बुरी तरह से मारा-पीटा। जिस पट्टे से युवक को मारा-पीटा जा रहा था, वह धारदार था। जिससे युवक की जीभ कटकर पुलिस थाने में गिर गई और युवक बेहोश हो गया। महीनों युवक का इलाज करने के बाद उसने पुलिस वालों के खिलाफ न्यायालय में याचिका दाखिल की।