Lucknow News- उत्तर प्रदेश के कई जिलों में लम्बें समय से बंद पड़ी कम्पनियों की जमीनें अब बंजर हो चुकी हैं। ऐसी जमीनों पर योगी सरकार नए उद्योग जैसे इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट, आईटी सिटी, आईटी पार्क, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री लगाएगी। इसके लिए इंडस्ट्री विभाग ने तैयारी भी शुरु कर दी है। प्रदेश के सभी इंडस्ट्रियल प्राधिकरणों को बंद पड़े उद्योगों को चिह्नित कर उनकी जमीन अब बड़े उद्योग लगाने वाली इंडस्ट्री को दिया जाएगा। इससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिल सके और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार दी जा सके।
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बंद पड़ी जमीनों को वापस लेगा औद्योगिक विकास प्राधिकरण
सीक इंडस्ट्री की जमीनों पर नए उद्योग लगाने के साथ-साथ सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को ऐसी जमीनें भी चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं, जिन पर आवंटन होने के कई साल बीत जाने के बाद भी इंडस्ट्री नहीं लग सकी है। ऐसी खाली पड़ी जमीनों को भी औद्योगिक विकास प्राधिकरण वापस लेगा और उन्हें नई इंडस्ट्री के लिए आवंटित करेंगा।
खाली प्लॉट होंगे वापस
यूपीसीडा के अधिकारी के अनुसार पूरे प्रदेश में करीब 1100 प्लॉट ऐसे हैं, जिसमें पिछले 8 साल से कोई काम शुरु नहीं हो सका है। ऐसे प्लॉट मालिकों के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर जमीनों को वापस लिया जाएगा। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के दौरान राज्य सरकार ने करीब 34 लाख करोड़ रुपए के एमओयू साइन किए थे। जिसमें से कई कंपनियों ने इंडस्ट्री लगाने की प्रक्रिया को शुरु कर दिया है। इन्हीं इंडस्ट्री को जमीन मुहैया कराई जाएगी। अकेले लखनऊ में 68 फैक्ट्रियां हैं, जो लंबे समय से बंद हैं। इन जमीनों को वापस लेकर यूपीसीडा इन्हें नई इंडस्ट्री खोलने के इच्छुक उद्यमियों को देगा।
जिलाधिकारी को दी गई जिम्मेदारी
विशेष अभियान चलाकर जमीनों को वापस लेने के साथ-साथ हर जिले में लैंडबैंक भी बनाए जाएंगे। इसके लिए हर जिलाधिकारी को हर जिले में इंडस्ट्री के लिए कम से कम 15 एकड़ या उससे अधिक जमीन चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं। ये जमीन एक जगह पर ही कम से कम 15 एकड़ होनी चाहिए। जिससे की अगर कोई बड़ी इंडस्ट्री लगाना चाहे, तो उसे भी जमीन मुहैया कराई जा सके।