Lucknow News- लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने वाले नेता और विधायक भाजपा के किसी काम नही आ सके। यहां तक कि इन नेताओं ने अपने-अपने क्षेत्र की विधानसभा से भी भाजपा प्रत्याशी को वोट दिलवा पाने में नाकाम साबित हुए हैं। आइए जानते हैं, इन नेताओं और विधायकों के नाम…
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मनोज पांडेय- रायबरेली की ऊंचाहार विधानसभा से सपा विधायक मनोज पांडेय ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक जनसभा में अमित शाह के सामने भाजपा का दामन थामा था। इन्होंने रायबरेली की ऊंचाहार विधानसभा ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी का समर्थन किया था। मगर रायबरेली लोकसभा सीट सहित ऊंचाहार विधानसभा सीट पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा।
राकेश प्रताप सिंह- अमेठी की गौरीगंज विधानसभा सीट से सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने सपा से विद्रोह करके भारतीय जनता पार्टी का राज्यसभा चुनाव में समर्थन किया था। बता दें कि समाजवादी पार्टी रहते हुए उन्होंने पूरी तरह से बीजेपी का साथ दिया था, इसके बावजूद भी अमेठी लोकसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी के लिए वो कुछ नही कर सके, नतीजा यह रहा कि गौरीगंज से लेकर पूरे अमेठी लोकसभा क्षेत्र की प्रत्येक विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।
महाराजी देवी- खनन घोटाले मामले में जेल में सजा काट रहे समाजवादी पार्टी की सरकार के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी महाराजी देवी भी अमेठी विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की विधायक हैं। उन्होंने बीजेपी का खुलकर समर्थन किया, इसके बावजूद उनकी सीट पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा।
अभय सिंह- समाजवादी पार्टी से ही अंबेडकरनगर की गोसाईगंज सीट से विधायक अभय सिंह ने भी राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का समर्थन किया। राममंदिर के मामले में भी समर्थन किया। भाजपा को उनका समर्थन मिलने के बाद भी भाजपा को अंबेडकरनगर में बुरी तरह से पराजित होना पड़ा।
धनंजय सिंह- जौनपुर लोकसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने को तैयार धनंजय सिंह को नामांकन से ठीक पहले न्यायालय ने 2 साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद बसपा पार्टी ने धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को जौनपुर लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था, बाद में उन्होंने टिकट वापस करके भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। इसके बाद धनंजय सिंह ने भाजपा का समर्थन किया.। इसके बावजूद जौनपुर से बीजेपी को पराजित का सामना करना पड़ा।