Lucknow News- उत्तर प्रदेश में नया बिजली कनेक्शन लेना महंगा हो सकता है। कॉस्ट डाटा बुक में कनेक्शन लेते वक्त ली जाने वाली सामग्री व अन्य मदों में बढ़ोतरी की गई है। यह घरेलू उपभोक्ता के लिए करीब 44 फीसदी तो उद्योगों के लिए 50 से 100 फीसदी तक महंगी हो सकती है।
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उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया, कि पावर कारपोरेशन ने दो दिन पहले संशोधित प्रस्ताव में उपभोक्ता सामग्री की दरों में भारी वृद्धि का प्रस्ताव नियामक आयोग को भेजा है। उद्योग और बड़े उपभोक्ताओं को नए कनेक्शन की सिक्योरिटी धनराशि में 100% से ज्यादा वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया है। अवधेश वर्मा ने बताया कि यूपीपीसीएल ने लेबर एंड ओवरहेड चार्ज, जो पहले दो किलोवाट तक 150 रुपए लिया जाता था, उसे बढ़ाकर 564 कर दिया है। जिससे बीपीएल और छोटे उपभोक्ताओं की नई कनेक्शन की दरों में लगभग 44 फीसद तक की वृद्धि हो जाएगी। उनका कहना है, कि एक किलोवाट के भार के लाइफ लाइन विद्युत उपभोक्ता, जो बिना जीएसटी के 1032 रुपए का भुगतान करता था, अब प्रस्तावित दरें लागू हुईं तो उसे 1486 रुपए का भुगतान करना होगा। स्मार्ट मीटर सिंगल फेज की दरें 3822 और थ्री फेज की दरें 6316 रुपए कर दी गई है।
बता दें कि नियामक आयोग की तरफ से साल 2024-25 के लिए बिजली कंपनियों के वार्षिक खर्च के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए, सुनवाई की प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया है। आयोग की तरफ से बिजली कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं, कि श्रेणी के अनुसार बिजली की दरों का प्रस्ताव भी दाखिल करें। जिससे जनता के सामने सही स्थिति स्पष्ट करते हुए सुनवाई प्रारंभ कराई जा सके। बिजली कंपनियों की तरफ से इस वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक राजस्व आवश्यकता 1784 करोड रुपए प्रस्तावित की गई है। बिजली कंपनियों ने घाटा करीब 11000 से 12000 करोड़ रुपए दर्शाया है। इस घाटे की आड़ में ही बिजली कंपनियां बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव आयोग में दाखिल करने वाली हैं।
पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने विद्युत नियामक आयोग में नए कनेक्शन पर उपभोक्ता सामग्रियों की दरों को तय करने के लिए संशोधित दरें दाखिल कर दी हैं। कॉरपोरेशन ने देरी पर कोई बात नहीं करते हुए यह भी लिखा है कि अगर अगले दो वर्ष बाद दरें समय से नहीं बढ़ पाएं, तो हर साल 7 फीसदी की बढ़ोतरी मान ली जाए। इस पर विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है, कि कास्ट डाटा बुक की विसंगतियों का मुद्दा सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की मीटिंग में जोर देकर से उठाया जाएगा।