Lakhimpur News- दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघिन शर्मीली ने 4 शावकों को जन्म दिया है। सभी शावक पूरी तरह से स्वस्थ हैं। पूर्व डायरेक्टर और वर्तमान में दिल्ली में तैनात सीनियर आईएफएस ने इसकी एक तस्वीर भी अपने एक्स अकाउंट पर साझा की है।
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दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघों को जंगलों में आजाद रखा जाता है। प्रोजेक्ट टाइगर के अन्तर्गत लगातार बाघों की संख्या बढ़ रही है। शनिवार को बाघिन शर्मीली ने 4 शावकों को जन्म दिया है। दुधवा के नेचर गाइड राजू ने बाघिन के साथ चहलकदमी कर रहे 4 शावकों की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद की। बाघिन शर्मीली के साथ उसके शावकों के पिक्चर और वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट किए जाने लगे। दुधवा के पूर्व डायरेक्टर और वर्तमान समय में दिल्ली में कार्यरत सीनियर आईएफएस रमेश पांडेय ने अपने एक्स अकाउंट पर इसकी तस्वीरें साझा की हैं। उन्होंने लिखा है कि दुधवा में फीमेल्स की नई जनरेशन की ब्रीडिंग से साइटिंग सीन्स बन रहे।
बता दें कि इसके पहले दुधवा टाइगर रिजर्व के ही किशनपुर सेंचुरी में बेलडांडा फीमेल ने 4 शावकों को जन्म दिया था। दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 100 से ज्यादा हो चुकी है। इन्हें देखने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं। इस मामले में दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर ललित वर्मा का कहना है, कि स्टाफ की मेहनत और दुधवा में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने से ऐसे मनमोहक नजारे देखने को मिल रहे हैं। हमारे लिए भी ये खुशखबरी है, लेकिन चुनौती भी कम नहीं। उन्होंने बताया कि शावकों की सुरक्षा के लिए विशेष चौकसी बरती जा रही। बाघों की नई जनरेशन हमारे जंगलों के लिए बहुत जरुरी है। ये हम सबका दायित्व है, कि इनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
रिकार्ड के मुताबिक दुधवा में करीब 300 से 400 लोग रोजाना सफारी करने आते हैं। 2 शिफ्टों में सैलानियों को जंगल में सफारी की सैर करवाई जाती है। गाड़ियों से ट्रेंड ड्राइवर और नेचर गाइड सैलानियों को जंगल ले जाते हैं। दुधवा में पिछले बार की गणना में करीब 153 टाइगर बताए गए थे। बाघों के अलावा सिंघी गैंडा की संख्या भी करीब 40 बताई जा रही है।