Lucknow News- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में नवीन आपराधिक न्याय प्रणाली के संबंध में की जा रही तैयारियों की समीक्षा की गई। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वाधीनता दिवस के अवसर पर देश के सामने पंच प्रण लिए थे, इनमें से एक प्रण ये था कि गुलामी की सभी निशानियों को समाप्त करना है। इस दौरान सीएम ने कहा कि सभी 75 जिलों में फॉरेंसिक लैब स्थापित कराएं। अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा की कोर्ट में पेशी के लिए हर जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा होनी चाहिए। यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता पर रखते हुए इससे जुड़ें प्रस्ताव तैयार किए जाएं।
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उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के इस प्रण को पूरा करने के लिए संसद ने अंग्रेज़ों द्वारा बनाए गए इंडियन पीनल कोड (1860), क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (1898) और इंडियन एवीडेंस एक्ट (1872) कानूनों को समाप्त कर तीन नए कानून पारित किए हैं। यह कानून आगामी 1 जुलाई से उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में लागू होना है। नवीन व्यवस्था के अनुसार इंडियन पीनल कोड (1860) की जगह भारतीय न्याय संहिता (2023) स्थापित होगा। सीएम योगी ने कहा कि क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (1898) की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (2023) और इंडियन एवीडेंस एक्ट (1872) की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक (2023) स्थापित होगा। नए भारत के स्वदेशी कानून प्रधानमंत्री जी के प्रण को पूरा करने वाले हैं। समाप्त किए गए तीनों कानून अंग्रेज़ी शासन को मज़बूत करने और उसकी रक्षा करने के लिए बनाए गए थे और उनका उद्देश्य दंड देने का था, न कि न्याय देने का, जबकि भारतीय लोकतंत्र न्याय की अवधारणा वाला है।
बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि इसके लिए फॉरेंसिक इंस्टिट्यूट का सहयोग लें। रेंज स्तर पर स्थापित सभी फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं में हर जरुरी संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। सभी 75 जिलों में फॉरेंसिक लैब स्थापित कराएं। कहा की कोर्ट में पेशी के लिए हर जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा होनी चाहिए। यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता पर रखते हुए प्रस्ताव तैयार किए जाएं।