लक्ष्मण टीला केस में सुन्नी वक्फ बोर्ड को झटका लगा है। लखनऊ जिला न्यायालय ने वक्फ बोर्ड की आपत्तियों को खारिज कर दिया है। दरअसल उत्तर प्रदेश की राजधानी में स्थित लक्ष्मण टीला एवं टीले वाली मस्जिद के विवाद में मुस्लिम पक्ष ने दावा किया था, कि वहां की भूमि वक्फ की संपत्ति है।
ये भी पढ़ें- भीषण गर्मी के चलते रेलगाड़ी का लोको पायलट हुआ बेहोश, महोबा रेलवे स्टेशन पर ढाई घंटे रुकी रही ट्रेन
क्या है पूरा मामला
अधिवक्ता नृपेंद्र पांडेय व अन्य ने लक्ष्मण टीले में पूजा-अर्चना की मांग की थी। उन्होंने यूनियन ऑफ इंडिया राज्य सरकार समेत सात के खिलाफ वाद दायर किया था। नृपेंद्र पांडेय का कहना है कि लक्ष्मण मंदिर को तोड़कर टीले वाली मस्जिद बनाई गई थी। मुकदमे के बाद सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ने आपत्ति दाखिल कर बताया कि उक्त संपत्ति 21 जनवरी 1975 से वक्फ बोर्ड के अभिलेखों में दर्ज है।
सुनवाई में मुस्लिम पक्ष का दावा खारिज
डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के सिविल जज जूनियर डिवीजन ने सुनवाई के बाद मुस्लिम पक्ष का दावा खारिज कर दिया है। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता नृपेंद्र पाण्डेय का कहना है, ‘कोर्ट ने इस बात को माना है कि यह एक सिविल विवाद है।’ जज अभिषेक गुप्ता ने वक्फ बोर्ड की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि ‘सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी न्याय व्यवस्थाओं में कहा है कि ऐसे विवादों के निस्तारण का क्षेत्राधिकार सिविल कोर्ट को प्राप्त है।’ बता दें कि अब लक्ष्मण टीला एवं टीले वाली मस्जिद के विवाद में सर्वे कमीशन को लेकर अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।