Barabanki News- बाराबंकी में छात्रा के साथ दुष्कर्म, मारपीट व जान से मारने की धमकी देने के मामले में आरोपी को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। फैसले के दौरान दोषी को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 40 हजार रुपए जुर्माने की सजा भी सुनाई है।
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विशेष न्यायाधीश राजेश पति त्रिपाठी ने सुनाई सजा
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में स्नातक की छात्रा के साथ दुष्कर्म, मारपीट व धमकी देने के एक मामले में आरोपी को न्यायालय ने दोषी करार देते हुए उसे 10 वर्ष के कठोर कारावास और 40 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश एससीएसटी ऐक्ट राजेश पति त्रिपाठी ने बुधवार को सुनाया। फैसला सुनाने के दौरान न्यायालय ने ये भी आदेश दिया है कि दोषी द्वारा दी जाने वाली जुर्माने की राशि में से 30 हजार रुपए पीड़िता को बतौर प्रतिकर के रूप में दिए जाएं।
जानिए क्या है पूरा मामला
लोक अभियोजक अधिकारी कृपाशंकर तिवारी ने बताया कि पीड़िता देवां थाना क्षेत्र के एक डिग्री कालेज से स्नातक की पढ़ाई कर रही थी। इसी दौरान साल 2019 में देवां थाना क्षेत्र के सिपहिया गांव का साहेब आलम आए दिन पीड़िता को छेड़ता रहता था और उस पर अश्लील टिप्पणी करता था। लोकलाज के भय से पीड़िता इसकी जानकारी अपने परिजनों से छुपाती रही। एक दिन आरोपी साहबे आलम मोटर-साइकिल से आया और पीड़िता को जबरदस्ती बैठा लिया। इसके बाद बड़ी नहर के निकट एक खेत में ले जाकर रेप किया और वीडियो बना लिया। इसी वीडियो को दिखाकर आरोपी पीड़िता को आए दिन धमकी देता और लगातार रेप करता रहा।
लम्बी बहस के बाद पीड़िता को मिला न्याय
इस मामले में पीड़िता ने देवां पुलिस थाने में आरोपी साहिबे आलम के विरुद्ध अभियोज पंजीकृत कराया और विवेचक द्वारा साक्ष्य संकलन किए गए। जिसके आधार पर अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई। इस मामले में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश एससीएसटी कोर्ट राजेश पति त्रिपाठी ने आरोपी साहबे आलम को दोषी साबित करते हुए उसके खिलाफ विधिक कार्यवाही की।