मुंबई- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे ने मंगलवार को IT सेवा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के साथ भारत का पहला क्वांटम डायमंड माइक्रोचिप इमेजर विकसित करने के लिए रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है। यह सेमीकंडक्टर चिप्स की गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिए एक उन्नत सेंसिंग टूल है। अगले 2 वर्षों में TCS के विशेषज्ञों द्वारा IIT बॉम्बे पीक्वेस्ट लैब में बनाया जाने वाला नया सेंसिंग टूल, चिप विफलताओं की संभावनाओं को कम करने और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की दक्षता में सुधार करने में मददगार साबित होगा।
इससे सेमीकंडक्टर चिप्स का बेहतर गुणवत्ता नियंत्रण संभव होगा। जिससे उत्पाद विश्वसनीयता, सुरक्षा और विद्युत उपकरणों की ऊर्जा दक्षता में भी सुधार होगा। IIT बॉम्बे में पीक्वेस्ट समूह चिप्स की गैर-विनाशकारी जांच के लिए क्वांटम इमेजिंग प्लेटफॉर्म विकसित करने पर TCS के साथ सहयोग करने के लिए उत्साहित है, जो नवाचार को बढ़ावा देने के लिए क्वांटम सेंसिंग में हमारी व्यापक विशेषज्ञता का लाभ उठाएगा। एक साथ काम कर, हमारा लक्ष्य इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों को बदलना और अभूतपूर्व प्रौद्योगिकियों और उत्पादों के माध्यम से भारत को आगे बढ़ाना है।
IT बॉम्बे के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कस्तूरी साहा ने कहा कि TCS और IIT बॉम्बे के बीच सहयोग राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के अनुरूप है जो कि देश को वैश्विक क्वांटम प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनाने के लिए सरकार की एक पहल है। स्वदेशी क्वांटम डायमंड माइक्रोचिप इमेजर, जो क्वांटम डायमंड माइक्रोस्कोपी को AI/ML संचालित सॉफ्टवेयर इमेजिंग के साथ एकीकृत करता है। भारत को क्वांटम क्रांति में आगे बढ़ने में मदद करेगा।
TCS के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी हैरिक विन ने कहा कि दूसरी क्वांटम क्रांति अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ रही है। जिससे संवेदन, कंप्यूटिंग और संचार प्रौद्योगिकियों में अत्याधुनिक क्षमताओं का निर्माण करने के लिए हमारे संसाधनों और विशेषज्ञता को एकत्रित करना अनिवार्य हो गया है। अर्धचालकों का आकार लगातार छोटा होता जा रहा है। इसलिए पारंपरिक संवेदन विधियों में चिप्स में असामान्यताओं का पता लगाने की सटीकता और क्षमता का अभाव है।
क्वांटम डायमंड माइक्रोचिप इमेजर हीरे की संरचना में दोषों का उपयोग करता है। जिन्हें नाइट्रोजन-रिक्ति (NV) केंद्र के रूप में जाना जाता है। साथ ही अर्धचालक चिप्स में विसंगतियों का पता लगाने और उनकी पहचान करने के लिए अन्य हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का भी उपयोग करता है। इसका माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स, जैविक और भूवैज्ञानिक इमेजिंग, तथा चुंबकीय क्षेत्रों की सूक्ष्म इमेजिंग आदि में व्यापक अनुप्रयोग होगा।
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