Education:- देश में इन दिनों डिजिटल अरेस्ट के मामले में तेजी से इजाफा हो रहा है। अभी हाल ही में यूपी के बरेली जनपद में डिजिटल अरेस्ट का एक मामला सामने आया। जहां एक महिला डॉक्टर को इसका शिकार बनाया गया। करीब ढाई घंटे तक महिला इसी में फंसी रही। आखिर कार डिजिटल अरेस्ट है क्या और इससे बचने के लिए हमें क्या करना होगा! आपको बता दें कि साइबर ठग इन दिनों डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।
यूपी की एक घटना में ऐसे ही जालसाजों ने खुद को ED ऑफिसर बताकर एक महिला डॉक्टर को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी। महिला करीब ढाई घंटे तक जूझती रही। जानकारी के अनुसार महिला डॉक्टर को एक कॉल आई। जिसमें ठगों ने कहा कि उनका नंबर मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल हुआ। इसके बाद महिला को जेल भेजने की धमकी दी।
महिला को धमकाने के लिए वीडियो कॉल भी की गई। जिसमें सामने दूसरी तरफ से एक युवक ने पुलिस की वर्दी पहनकर बात की। साथ ही महिला को कहा गया फोन मत काटना वरना ED और CBI आपको अरेस्ट कर लेगी। ठग महिला से मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट्स डिटेलस की मांग कर रहे थे।
क्या है डिजिटल अरेस्ट-
डिजिटल अरेस्ट को साइबर धमकी या ब्लैकमेलिंग का एक नया तरीका भी कहा जा सकता है। इसमें साइबर क्रिमिनल विक्टिम को धमकाने और उससे पैसे वसूलने के लिए उसकी पर्सनल तस्वीरें या वीडियो का उपयोग करते हैं। इस तरह का क्राइम आमतौर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे- फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाट्सऐप या डेटिंग ऐप्स के जरिए होता है।
डिजिटल अरेस्ट के मामले में साइबर क्रिमिनल सोशल मीडिया पर अपना शिकार ढूंढते हैं और उनकी निजी तस्वीरें या वीडियो इकट्ठा करते हैं। ऐसा अक्सर हैकिंग या सोशल इंजीनियरिंग तकनीकों का इस्तेमाल कर किया जाता है। डिजिटल अरेस्ट शब्द का इस्तेमाल मुख्य रूप से 2 तरह के मामलों में किया जाता है।
पहला इसमें साइबर सुरक्षा के लिए, जहां यह किसी व्यक्ति की डिजिटल एक्टिविटी को कंट्रोल या रोकने के लिए उपयोग किए जाने वाले तरीकों को टारगेट करता है। दूसरा जिसमें किसी व्यक्ति की डिजिटल लाइफ पर अत्यधिक निर्भरता के कारण उसकी पर्सनल या सोशल लाइफ को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है।
साइबर सेफ्टी के मामले में डिजिटल अरेस्ट-
डिजिटल अरेस्ट साइबर क्राइम या अनऑफिशियल डिजिटल एक्टिविटी को रोकने के लिए, किसी व्यक्ति या ग्रुप की डिजिटल एक्सेस को लिमिट या रोकने को कहा जाता है। इसमें ये चीजें शामिल हो सकती हैं।
– किसी के अकाउंट को लॉक करना या डिएक्टिवेट करना!
– इंटरनेट या नेटवर्क एक्सेस को रोकना!
– किसी खास वेबसाइट या सर्विस की एक्सेस को बैन करना!
डिजिटल लाइफ पर ज्यादा फोकस करने के मामले में डिजिटल अरेस्ट-
यह उस स्थिति को दर्शाता है जहां व्यक्ति की डिजिटल एक्टिविटी उसके पर्सनल, सोशल या प्रोफेशनल लाइफ को निगेटिव रूप से प्रभावित करती हैं। इसमें ये चीजें शामिल हो सकती हैं।
– जरूरत से अधिक समय सोशल मीडिया या ऑनलाइन गेमिंग पर बिताना!
– डिजिटल डिवाइसों पर ज्यादा निर्भरता के कारण नींद, फिजिकल एक्टिविटी और पर्सनल मामलों में कमी!
डिजिटल अरेस्ट से बचने के तरीके-
– स्ट्रॉन्ग और यूनिक पासवर्ड का उपयोग करें! साथ ही उन्हें रेगुलर रूप से बदलते रहें!
– अपने सभी जरूरी अकाउंट्स के लिए 2FA इनेबल करें!
– अपने सभी डिवाइसों पर रेगुलर रूप से सॉफ्टवेयर और एंटीवायरस से अपडेट करें!
– किसी भी अनजान या संदिग्ध लिंक पर भूलकर भी क्लिक न करें!
– सोशल मीडिया या दूसरे प्लेटफार्म पर अपनी निजी जानकारी शेयर न करें!
– सोशल मीडिया और दूसरी एंटरटेनमेंट एक्टिविटी के लिए टाइम लिमिट फिक्स करें!
– अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं! पर्सनल रिश्तों को मजबूत करें!
– डिजिटल दुनिया के बाहर अपने शौक और रुचियों को बढ़ावा दें!
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