Lucknow News- गोवा शिपयार्ड नेवल बेस में पार्ट टाइम काम करने वाले ISI Agents कर्मचारी राम सिंह की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की खतरनाक मंशा सामने आई है। यूपी एटीएस के अनुसार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी अब हिंदू वर्ग के युवाओं को देश विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल कर रही है। इस मामले में UP-ATS पकड़े गए युवक से पूछताछ कर रही है।
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पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भारतीय हिंदू युवाओं को बना रहा टारगेट
चंद पैसों की लालच में कुछ युवा अपने देश भारत के साथ गद्दारी कर रहे हैं। ये युवा देश की सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को साझा कर रहे हैं। हाल ही में गोवा में जल सेना में आउट सोर्सिंग कर्मचारी राम सिंह से कई अहम जानकारियों यूपी एटीएस के हाथ लगी हैं। पूछताछ के दौरान इन युवाओं को पाकिस्तान से पेमेंट मिलने के सुबूत मिले, इसके अलावा आईएसआई के हिंदू वर्ग के युवाओं को टारगेट कर अपने साथ जोड़ने की बात भी सामने आई।
युद्धपोतों से जुड़ी जानकारियां साझा कर रहे युवा
आपको बताते चलें कि यूपी एटीएस ने गोरखपुर पिपराइच के निवासी राम सिंह को गिरफ्तार किया था। राम सिंह गोवा शिपयार्ड नेवल बेस में भारत के कई युद्धपोत जैसे आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य स्वर्णा और सुभद्रा में इंसुलेशन लगाने का काम करता था। इसी बीच पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की एक सदस्य ने कृति सिंह बन कर उससे 3 साल पहले सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती की। फिर उसने युद्धपोतों से जुड़ी जानकारियां देने पर पैसे देने का ऑफर दिया। उसके बाद से राम सिंह ने उससे कई अहम जानकारियां साझा करने लगा। इस मामले में राम सिंह को एटीएस मुख्यालय बुलाया गया, उसने पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं।
गोपनीय जानकारियों के लिए अन्य एजेंस्ट्स को पैसे किए जा रहे थे ट्रांसफर
सूत्रों के मुताबिक यूपी एटीएस की पूछताछ में राम सिंह ने बताया कि वह न सिर्फ भारतीय सेना के युद्धपोतों से जुड़ी हर जानकारी आईएसआई को देता था, बल्कि वह आईएसआई के अन्य एजेंस्ट्स को पैसे भी ट्रांसफर करता था। राम सिंह के मुताबिक सोशल मीडिया के जरिए मिली पाकिस्तानी लड़की ने उसे बताया था कि देश में हर शहर में आईएसआई का एजेंट्स मौजूद हैं। जिन्हें अलग-अलग लोगों के जरिए पैसे दिए जाते हैं। कथित पाकिस्तानी लड़की ने राम सिंह से कहा था, कि आईएसआई उसे पैसे ट्रांसफर करेगी। इसके बाद वह वो पैसा दूसरे एजेंट्स को ट्रांसफर करे, ताकि वह खुफिया एजेंसी तक नौ सेना से जुड़ी गोपनीय जानकारियां पहुंचाते रहें।
500 रुपए में भारतीय युवा बेच रहे थे गोपनीय जानकारी
पूछताछ में सामने आया है कि आईएसआई को नौ सेना से जुड़ी जानकारियां लकी जाट, मैकी सिद्धू, अतुल दुबे, रवि शर्मा, सविता, दक्षील नरेश, उपेंद्र गडकनी और रंजन कुमार पांडेय पहुंचाते थे। इसके एवज में सभी युवकों को महज पांच सौ रुपये ही मिलते थे। जानकारी के मुताबिक आईएसआई एजेंट के कहने पर राम सिंह ने लकी जाट को 6 सूचनाएं देने पर 3 हजार, मैकी सिद्धू को 10 सूचनाएं देने पर 5 हजार, रवि शर्मा और सविता को दो दो जानकारी देने पर एक हजार रुपए और रंजन पांडे को महज पांच सौ रुपये भेजे गए थे।
हिंदू युवाओं को ISI एजेंट बनाने का मिला था निर्देश
ATS के मुताबिक पूछताछ में राम सिंह ने बताया है कि वह जिन ISI एजेंट्स से बात कराता था, वे सभी हिंदू थे। इसके अलावा जिन्हें पैसे भी ट्रांसफर किए वह भी हिंदू वर्ग के ही थे। राम सिंह के मुताबिक उसे निर्देश भी दिए गए थे कि वो हिंदू युवाओं को ही एजेंट्स बनाए, क्योंकि मुस्लिम युवा जांच एजेंसियों की रडार पर रहते हैं।
पुलिस रिमांड पर लेकर होगी पूछताछ
यूपी एटीएस के आईजी नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि राम सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस रिमांड में उससे पूछताछ में उसके दूसरे ISI एजेंट्स के बारे में पता लगाया जाएगा। जिन युवकों के बारे में जानकारी मिली है, उन्हें भी ट्रेस किया जा रहा है। इससे पहले यूपी एटीएस ने बिहार के चंपारण निवासी जियाउल हक को गिरफ्तार किया था। जिलाउल ISI के द्वारा भेजे गए पैसों को उसके एजेंट्स तक पहुंचाने का काम करता था।