Agra News- आगरा में शनिवार को शुरु हुई IT Raid मंगलवार रात करीब 8 बजे खत्म हुई। बताते चलें कि आईटी की टीमों ने शनिवार को एक साथ 3 शूज कारोबारियों के 14 ठिकानों पर छापा मारा था। यह छापेमारी शूज कारोबारियों के फर्म बीके शूज, मंशु फुटवियर, हरमिलाप ट्रेडर्स के यहां हुई थी।
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14 ठिकानों से बरामद हुए 57 करोड़ रुपए
यूपी के आगरा जिले में बीते शानिवार को एक साथ 3 शूज कारोबारियों के 14 ठिकानों पर छापा मारा था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आईटी के अधिकारियों को चार दिन में करीब 57 करोड़ रुपए के नोटों की गड्डियां, करोड़ों रुपए के लेनदेन की पर्चियां, सोना और चांदी के गहनों के साथ ही जमीन में निवेश के दस्तावेज मिले हैं। टीमों ने 500-500 के नोटों की 11400 गड्डियां वैन से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के करेंसी चेस्ट में जमा कराई हैं। सूत्रों की मानें तो एक शूज कारोबारी से हवाला कनेक्शन के भी सबूत मिले हैं, जिसकी छानबीन की जा रही है। अभी तक की गई इस कार्रवाई के बारे में इनकम टैक्स के अधिकारी कुछ नहीं बता रहे हैं।
100 आयकर अधिकारी छापेमारी में हुए शामिल
बता दें कि इनकम टैक्स की इन्वेस्टिगेशन टीमों ने शनिवार सुबह 11 बजे आगरा में एमजी रोड के बीके शूज, धाकरान के मंशु फुटवियर और हींग की मंडी के हरमिलाप ट्रेडर्स और जयपुर हाउस स्थित आवास समेत 14 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इस दौरान कई दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक गजट, लेपटॉप व अन्य कई चीजों को कब्जे में लिया। इस रेड के दौरान आगरा, कानपुर और लखनऊ के करीब 100 आयकर अधिकारी शामिल रहे। इनकम टैक्स टीम ने छापामार कार्रवाई में हरमिलाप ट्रेडर्स के मालिक रामनाथ डंग के जयपुर हाउस स्थित आलोक नगर के आवास से 53 करोड़ रुपए कमरे से जब्त किए हैं, जबकि अन्य दो कारोबारियों से 4 करोड़ रुपए के नोटों की गड्डियां बरामद की गईं।
40 करोड़ रुपए भुगतान की मिलीं पर्चियां
आगरा में 80 घंटे तक चली कार्रवाई में लगभग 40 करोड़ रुपए की भुगतान पर्चियां मिलीं। जो शहर के सैकडों शूज कारोबारियों से जुड़ी हैं। आईटी टीम ने पहले 3 दिन शूज कारोबारियों के यहां पर डबल बेड, गद्दे, अलमारी, बैग, शूज के डिब्बे और अन्य जगह से जो नोटों की गड्डियां को बैंक में जमा कराया। इसके बाद चौथे दिन आईटी टीमों ने शूज कारोबारियों के हवाला कनेक्शन और रियल एस्टेट से जुड़े निवेश के कागजातों की पड़ताल की। जिसमें एक कारोबारी ने हवाला के जरिए कई शहरों से लेन-देन किया है। जिसका पूरा ब्योरा भी कारोबारी के घर मिले दस्तावेज और मोबाइल से मिला है।