Hamirpur News- दहेज हत्या मामले में अपर सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार ने दोषी पति को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 6 हजार रुपया जुर्माना भी लगाया है। जबकि आरोपी सास को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया। वहीं आरोपी ससुर की मुकदमें के दौरान मौत हो चुकी है। आपको बताते चलें कि दहेज हत्या का मामला करीब साढ़े 4 साल पुराना है।
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उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में 22 सितंबर 2019 को विवाहिता रीना की ससुराल में पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मृतका की मां कुसुम ने पुलिस को तहरीर में बताया था कि 7 जुलाई 2016 को बेटी रीना की शादी हमीरपुर निवासी सुरेश कुमार अहिरवार से करवाई गई थी। शादी के बाद से पति, ससुर काशी प्रसाद, सास रामदेवी, जेठ धर्मेंद्र, अशोक, जेठानी ममला व सरस्वती बेटी के विदाई में अतिरिक्त दहेज की मांग करने लगे और उसे प्रताड़ित किया जाने लगा।
तेजाब डालकर जलाने का प्रयास
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता महेश द्विवेदी व रामबाबू अवस्थी ने बताया कि पीड़ित कुसुम ने 22 सितंबर 2019 को पुलिस को दी तहरीर में बताया था, कि उसने अपनी बेटी रीना का विवाह सुरेश कुमार अहिरवार से 7 जुलाई 2016 को कराया था। तहरीर के मुताबिक पति और ससुराल वाले पहली विदाई में अतिरिक्त दहेज की मांग करने लगे। ससुराल से वापस आकर बेटी ने सारी बातें बताई। बेटी ने बताया कि तेजाब डालकर उसे जलाने का प्रयास किया गया।
फोन पर आई बेटी के चीखने-चिल्लाने की आवाजें
शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक बेटी रीना ने अपने साथ हुए अत्याचार के बारे में अपनी मां कुसुम और परिजनों को सारी बातें बताई तो फिर पंचायत बुलाकर चर्चा की गई, मगर ससुराल पक्ष अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर अड़ा रहा। कापी मनाने के बाद भी जब ससुराल वाले नही माने तो फिर इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ससुराल वाले बहु को आपने साथ ले गए। शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक पीड़ित मां ने ससुराल वालों पर आरोप लगाते हुए बताया कि 17 सितंबर 2019 को शाम करीब छह बजे उसका बेटा आकाश अपनी बहन से बात कर रहा था, तभी बहन के चीखने-चिल्लाने की आवाज फोन पर सुनाई पड़ी। उसके पति ने फोन काट दिया। दोबारा फोन लगाने पर भी नहीं लगा।
पति बोला अस्पताल में भर्ती है रीना, पहुंचे तो मिला शव
इसके बाद सुरेश का फोन आया कि तुम्हारी बहन बीमार है और जिला अस्पताल में भर्ती है। जिसके बाद मायके पक्ष के लोग अस्पताल पहुंचे, तो देखा कि बेटी का शव स्ट्रेचर पर रखा था। उसके पास कोई ससुराली जन नहीं मिला। उन लोगों ने देखा कि बेटी के सिर व चेहरे से खून निकल रहा था। शरीर में अत्याधिक चोटों के निशान थे। मामले में पुलिस ने दोषी पति सुरेश व सास-ससुर के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज कर आरोप-पत्र कोर्ट में पेश किया था। मामले में अदालत ने दोषी पति को सजा सुनाई है। वहीं सास को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त किया है, जबकि ससुर की मुकदमें के दौरान मौत हो चुकी है।