नई दिल्ली: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु के चलते भारत में एक दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। भारत सरकार ने एक दिवसीय शोक की घोषणा की, जिसके चलते राष्ट्रपति भवन पर लगे राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाया गया। हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी और विदेश मंत्री होसैन अमीरबदोल्लाहियान सहित कुल 9 लोगों की जान चली गई थी।
फिलहाल, हेलीकॉप्टर क्रैश होने की वजह घने कोहरे को बताया जा रहा है। लेकिन, कुछ लोग इसे साजिश के तौर पर भी देख रहे हैं। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत के बाद कई सवाल भी उठने लगे हैं। यह हादसा तब हुआ जब राष्ट्रपति रईसी अजरबैजान बॉर्डर क्षेत्र से वापस लौट रहे थे। इस दौरान उनके काफिले में कुल 3 हेलीकॉप्टर थे। वहीं हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ जिसमे ईरानी राष्ट्रपति और विदेश मंत्री सवार थे। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह यह दुर्घटना ईरान और इजराइल युद्ध के बीच हुई। इसलिए इसको इजराइल से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
क्यों किया जा रहा इजराइल पर शक
दरअसल, इजराइल अपने दुश्मनों को खत्म करने के लिए उसी की जमीन का इस्तेमाल करता है। इन ऑपरेशन को इजराइल की खुफिया एजेंसी मौसाद अंजाम देती है। मौसाद दुनिया के टॉप क्लास खुफिया एजेंसी में शामिल है। ईरान से सटे देश अजरबैजान के इजराइल से बहुत अच्छे संबंध हैं। ‘द लंदन टाइम्स’ अखबार में छपे एक लेख के अनुसार, इजराइल ईरान पर नजर रखने के लिए अजरबैजान की जमीन का प्रयोग करता है।
क्षेत्र में बढ़ सकता है तनाव
माना जा रहा है कि अगर इस घटना में इजराइल का हाथ पाया गया तो क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है। साथ ही अजरबैजान और ईरान के रिश्तों में एक बार फिर से तल्खियां बढ़ेंगीं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ऐसा हुआ तो दुनिया को एक और जंग का सामना करना पड़ सकता है। जिससे कच्चे तेल और सोने की कीमतों में भारी उछाल दिखाई देगी।