दुबई- संयुक्त अरब अमीरात के प्रमुख शहर दुबई में महाकवि सूरदास की 547वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर भारत के विभिन्न प्रांतों की संस्कृतियों को समागम भी देखने को मिला। कार्यक्रम में हवेली संगीत, गद्य-पद्य प्रस्तुतीकरण के साथ महिलाओं एवं बच्चों द्वारा नृत्य नाटिका का मंचन भी किया गया। दुबई के बर-दुबई स्थित मीना बाजार के सिंधी कम्युनिटी हॉल में कीर्तन साहित्य सभा के संस्थापक प्रज्ञान पुरुष डॉ. साहित्य चतुर्वेदी के नेतृत्व और ग्लोबल भारत फेस्टिवल ग्रुप के तत्वावधान में महाकवि सूरदास की जयंती मनाई गई।
कार्यक्रम के आयोजक डॉ. साहित्य चतुर्वेदी ने बताया कि हिंदी भाषा के महाकवि सूरदास ने मथुरा में रह कर 500 वर्ष पूर्व हवेली संगीत के रूप में भक्तिधारा प्रवाहित की थी। आज पहली बार अरब देश की धरा पर उसी भक्तिधारा का भव्य आयोजन किया गया है। जयंती का कार्यक्रम 3 भागों में विभाजित किया गया। पहले सत्र में श्रीनाथजी की हवेली के श्रद्धालु भक्तगण, पुष्टि परिवार ग्रुप, सिंधी समाज ग्रुप ने अपनी भक्तिमयी प्रस्तुतियां दीं। कायक्रम में डॉ. साहित्य चतुर्वेदी और उनकी मंडली ने हवेली संगीत की प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस मौके पर उत्तर प्रदेश, गुजरात, सिंध, राजस्थान आदि संस्कृतियों के प्रतिनिधियों ने भी कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इन कार्यक्रमों में जया मेथानी, राहुल भार्गव, सचिन जोशी, विवेक देसाई, बावू भाई, मिहीर भाई, नीलम गांधी, चन्द्रिका भाटिया, जयश्री काराणी, काशमीरा, वर्षावेन, जिग्ना वेन एवं उनके साथियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। जयंती समारोह के दूसरे सत्र में नगर की महिला उद्यमी एवं लेखिका कुसुम दत्ता, कवयित्री ललिता मिश्रा, लेखिका डॉ. आरती गोयल आदि प्रमुख साहित्यकारों ने महाकवि सूरदास और उनकी भक्तिधारा पर अपने विचार रखे और काव्यपाठ किया।
इस सत्र का संचालन कॉर्पोरेट ट्रेनर एवं लेखिका अनु बाफना ने किया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में गोविंदराय की वाणी ने सभी वैष्णवों को भावविभोर कर दिया। उन्होंने सूरदास की दिव्यदृष्टि के दिलचस्प प्रसंग सुनाए और स्तुतिगान किया। इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजकों ने घोषणा की कि संस्था आने वाले वर्षों में अन्य अष्टछाप कवियों की भी पंच शताब्दी समारोह आयोजित करेगी। समारोह में आमंत्रित अतिथियों- काउंसलर आफ इंडिया विजेन्द्र सिंह, डेलीगेट उत्तर प्रदेश पंकज जायसवाल, बहरीन के उद्यमी अनूप केवलराम आदि पुष्टिमार्गिय वैष्णवों का सभा ने सम्मानित किया। महाप्रभु वल्लभाधीश के वंशज गोस्वामी गोविंदराय महाराज ने कार्यक्रम में पधारे उन्होने सभी लोगों के प्रति आभार जताया। कार्यक्रम में चतुर्वेदी पुरोहितों ने वेद पाठ किए और राधिका चतुर्वेदी एवं किरन जावा ने सहयोग दिया। अंत में 200 से अधिक वैष्णवों ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में संयुक्त अरब अमीरात के प्रवासी भारतीयों ने पूरे उत्साह से भागीदारी की। कार्यक्रम में ललित कारानी, राजेश पंचोलियाजी, राम पंचोलिया, लक्ष्मण भाटिया, दिलीप खैरा, शरद भाई, अश्विन भाई, चन्द्रशेखर भाटिया, देवा सोलंकी आदि लोग मौजूद रहे।