पहले के समय में जो बीमारियां उम्र बढ़ने के साथ आती थीं, वही अब कम उम्र के लोगों में भी दिखाई पड़ने लगी हैं। ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को बुढ़ापे की बीमारियां माना जाता था, लेकिन ये मिथ धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है क्योंकि वर्तमान में इसकी जद में कम उम्र के युवा भी आ रहे हैं। इसका प्रमुख कारण अनहेल्दी डाइट और खराब लाइफस्टाइल है।
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आज के दौड़ते-भागते युग में काफी तेजी से युवा पीढ़ी हाइपरटेंशन की चपेट में आ रही है। इस बीमारी पर अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो ये आगे चलकर हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी कई गंभीर समस्याओं को भी जन्म दे सकती है। इसी बीमारी की रोकधाम के लिए लोगों को जागरूक करने के मकसद से हर साल आज ही के दिन विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता है।
हाइपरटेंशन का एक प्रमुख कारण तनाव
एक्सपर्ट्स की मानें तो बढ़ते हाइपरटेंशन का एक प्रमुख कारण मानसिक तनाव है। डिप्रेशन के मरीजों में हाइपरटेंशन की समस्या सबसे ज्यादा देखी जा रही है। इसकी जद में ज्यादातर 30 से 50 साल के बीच लोग आ रहे हैं। इसकी वजह से लोगों के सिर में दर्द, चक्कर और बेचैनी की समस्या रहती है।
अगर शुरुआत में ही व्यक्ति को इस बीमारी का पता चल जाए तो काफी हद तक इसे कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि हेल्दी डाइट के साथ-साथ हेल्दी लाइफस्टाइल पर भी ध्यान दिया जाए। इसके लिए एक्सपर्ट अपने कुछ जरूरी टिप्स भी देते रहते हैं।
रोज करें व्यायाम: हाइपरटेंशन से बचने के लिए रोज करीब 30 मिनट तक और हफ्ते में कम से कम डेढ़ सौ मिनट व्यायाम जरूर करें। इसके साथ ही अगर हो सके तो घर में योगा भी करें।
ताजी सब्जियों और फलों का करें सेवन: ताजी हरी सब्जियों और फलों की मात्रा को अपनी डाइट में शामिल करें। खाने में सलाद की मात्रा बढ़ाएं।
डिहाइड्रेशन से बचें: गर्मियों के मौसम खूब पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें, क्योंकि पानी की कमी से हाइपरटेंशन का खतरा भी बढ़ सकता है। इसके लिए जरूरी है कि शरीर को हाइड्रेटेड रखें।
रोज के क्रियाकलापों पर ध्यान दें: अनुशासित जीवन शैली अपनाकर सिर्फ ब्लड प्रेशर ही नहीं, बल्कि तमाम बीमारियों के खतरों से बचा जा सकता है। इसके लिए रात में सही समय पर सोएं और सुबह ठीक समय पर उठें। रात के समय हल्का और पौष्टिक आहार लें।