इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में बाढ़ की तबाही से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 52 से ज्यादा हो गया है। दरअसल शनिवार की रात को आई बाढ़ ने सुमात्रा के पश्चिमी इलाके में तबाही मचा दी थी। मॉनसून की भारी बारिश, भूस्खलन और माउंट मेरापी ज्वालामुखी से निकले ठंडे लावे ने यहां के चार जिलों में कहर बरपा दिया था।
ये भी पढ़ें- कौन हैं साजिद तरार, जिन्होंने की पीएम मोदी की तारीफ, कहा- ‘पाकिस्तान में भी होना चाहिए ऐसा मजबूत नेता’
ठंडे लावे की बाढ़ ने मचाया हाहाकार
मंगलवार को बाढ़ प्रभावित गांवों में मलबे में लोगों की तलाश जारी रही। जानकारी के मुताबिक मरने वालों की संख्या में और इजाफा हो सकता है। बता दें कि इंडोनेशिया में सक्रिय ज्वालामुखी माउंट मेरापी से बहकर आए ठंडे लावा की वजह से ये बाढ़ आई थी और इसमें ठंडे लावे के साथ बाढ़ का पानी, कीचड़, बारिश और सभी कुछ मिला-जुला था।
वहां के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहारी के मुताबिक “बाढ़ में बड़ी संख्या में लोग बह गए है। इसके अलावा घर और इमारतें भी जलमग्न हो गईं हैं। 3,300 से अधिक लोगों को अस्थायी सरकारी सहायता केंद्रों में जाना पड़ा है।” उन्होंने बताया कि “मंगलवार तक मलबे से 52 शवों को निकाला जा चुका है और बचावकर्मी अभी लापता 20 लोगों की तलाश में जुटे हैं।”
अभी और बारिश होने का अनुमान
उधर,, इंडोनेशिया के मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान और भू-भौतिकी एजेंसी ने कहा है कि “आगामी दिनों में पश्चिमी सुमात्रा प्रांत में और अधिक बारिश होने का अनुमान है। अगले सप्ताह तक और बारिश हो सकती है।” इंडोनेशिया के ‘सेंटर फॉर वोल्केनोलॉजी एंड जियोलॉजिकल डिजास्टर मिटिगेशन’ के अनुसार “माउंट मेरापी ज्वालामुखी को अचानक विस्फोटों के लिए जाना जाता है। मेरापी में विस्फोटों का अनुमान लगा पाना काफी मुश्किल है।”
जनवरी 2024 में एक विस्फोट के बाद से सक्रिय है मेरापी ज्वालामुखी
दरअसल मेरापी ज्वालामुखी जनवरी 2024 में एक विस्फोट के बाद से सक्रिय है। ये इंडोनेशिया में 120 से ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी में से एक है। पैसिफिक “रिंग ऑफ फायर” पर स्थित होने के कारण इंडोनेशिया में आए दिन भूकंप के झटके आते रहते हैं।