लखनऊ: यूपी की बहुचर्चित लोकसभा सीट मोहनलालगंज सन् 1962 में अस्तित्व में आई। यह सीट लखनऊ ग्रामीण और सीतापुर जिले की सिधौली विधानसभा क्षेत्र को मिला कर बनाई गई है। मोहनलालगंज लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में, मोहनलालगंज, सरोजिनी नगर, महिलाबाद, बख्शी का तालाब और सिधौली विधानसभा क्षेत्र आते है। इस सीट पर अब तक कुल 15 बार चुनाव हुए हैं, जिसमें से 7 बार महिला प्रत्याशियों में जीत हासिल की है। यहां से सपा और कांग्रेस के टिकट पर 3-3 बार महिला प्रत्याशियों ने जीत का परचम लहराया है। जबकि 1 बार भाजपा की महिला प्रत्याशी ने जीत हासिल की है।
पहली बार गंगा देवी ने हासिल की जीत
आज से 62 साल पहले यानी 1962 में अस्तित्व में आई मोहनलालगंज (सुरक्षित) सीट पर पहला चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी गंगा देवी ने जीता। गंगा देवी ने जन संघ के प्रत्याशी रामबख्श को 44,210 वोटों से हराया। उस समय गंगा देवी को कुल 78,752 वोट मिले। जो कि कुल पड़े वोट के 49.92 प्रतिशत थे। वहीं जन संघ के प्रत्याशी रामबख्श ने 18.83 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 34,542 वोट प्राप्त किए। 1962 के चुनाव में यहां से कुल 6 प्रत्याशी मैदान में थे। इसमें दो महिलाएं थीं। तक कुल 1 लाख 83 हजार 481 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
वहीं, 1967 के चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी गंगा देवी ने जनसंघ प्रत्याशी रामबख्श को 35,804 वोटों से चुनाव हराया। फिर देश में 1971 में पांचवीं लोकसभा के चुनाव हुए। इस चुनाव में कांग्रेस ने तीसरी बार गंगा देवी को टिकट दिया। तीसरी बार भी मतदाताओं ने गंगा देवी को निराश नहीं किया। 1971 में हुए लोकसभा चुनाव में गंगा देवी ने अपने ही पुराने रिकार्ड को तोड़ते हुए 62.97 प्रतिशत वोट शेयर के साथ एनसीओ के प्रत्याशी ख्याली राम को बड़े अंतर से चुनाव हरा कर जीत की हैट्रिक लगाई।
1977 में भारतीय लोकदल के प्रत्याशी राम लाल कुरील ने जीत हासिल की
1962 से 1977 तक मोहनलालगंज लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गंगा देवी जीतती रहीं। लेकिन, 1977 के लोकसभा चुनाव में वह अपनी जीत बरकरार नहीं रख पाईं। 1977 के लोकसभा चुनाव में मोहनलालगंज लोकसभा सीट से भारतीय लोकदल के प्रत्याशी राम लाल कुरील ने जीत हासिल की। हालांकि, 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी कैलाश पति ने लोकदल के उम्मीदवार राम लाल कुरील को मात देकर उनसे यह सीट छीन ली। फिर 1984 में हुए चुनाव में कांग्रेस नेता जगन्नाथ प्रसाद सांसद चुने गए।
1984 के बाद 1989 में देश में फिर से आम चुनाव का ऐलान हुआ। 89 के चुनाव में जनता दल ने सरजू प्रसाद सरोज को चुनावी मैदान में उतारकर कांग्रेस के जीत के सिलसिले पर ब्रेक लगा दिया। फिर इस सीट पर कांग्रेस चुनाव कभी नहीं जीती। 1991 के लोकसभा चुनाव में 1991 के चुनाव में छोटे लाल ने जीतकर बीजेपी का खाता खोला। 1996 में दोबारा भाजपा की पूर्णिमा वर्मा ने जीत हासिल की।
दो बार जीती रीना चौधरी
1998 के आम चुनाव में समाजवादी पार्टी की रीना चौधरी ने इस सीट पर सपा की जीत का खाता खोला। रीना चौधरी ने भाजपा की पूर्णिमा वर्मा को करीब 11 वोटों के अंतर से परास्त किया। रीना चौधरी को 200,108 (34.20 प्रतिशत) वोट मिले तो वहीं पूर्णिमा वर्मा के खाते में 188,944 (32.30 प्रतिशत) वोट आए। एक ही साल बाद 1999 में हुए आम चुनाव में सपा ने दोबारा रीना चौधरी को मैदान में उतारा। रीना चौधरी ने इस चुनाव में भाजपा की पूर्णिमा वर्मा को 35 हजार वोटों के अंतर से हराया। रीना चौधरी को 182,034 (39.93 प्रतिशत) और पूर्णिमा वर्मा को 146,676 (24.11 प्रतिशत) वोट मिले।
2009 में सुशीला सरोज ने दौड़ाई सपा की साइकिल
15वीं लोकसभा के 2009 में हुए चुनाव में समाजवादी पार्टी की सुशीला सरोज यहां से जीती। सुशीला सरोज ने बहुजन समाज पार्टी के जयप्रकाश को परास्त किया। सुशीला सरोज को 256,367 (36.93 प्रतिशत) वोट आए। वहीं दूसरे स्थान पर रहे बसपा प्रत्याशी को 179,772 (25.89 प्रतिशत) वोट हासिल हुए। सुशीला सरोज ने 76,595 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी।
पिछले दो चुनाव का हाल
2009 में इस सीट पर महिला प्रत्याशी की जीत के बाद कोई महिला प्रत्याशी यहां जीत नहीं सकी। 2014 के चुनाव में इस सीट में कुल 18 प्रत्याशी मैदान में थे, इसमें 4 महिलाएं थी। सपा की टिकट पर पूर्व सांसद सुशीला सरोज मैदान में उतरीं। सुशीला सरोज 21.70 फीसदी वोट शेयर के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। ये चुनाव भाजपा के कौशल किशोर ने 40.77 फीसदी वोट शेयर के साथ जीता।
17वीं लोकसभा के लिए साल 2019 में हुए आम चुनाव में इस सीट से मैदान में उतरे 12 प्रत्याशियों में सिर्फ 1 महिला थी। निर्दलीय महिला प्रत्याशी प्रभावती देवी को मात्र 4335 वोटों से संतोष करना पड़ा। इस चुनाव में भाजपा के कौशल किशोर मोहनालालगंज से दूसरी बार सांसद चुनेंगे।
2024 का चुनाव
18वीं लोकसभा चुनाव में मोहनलालगंज (अजा) लोकसभा सीट पर कुल 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। जिसमें चार निर्दलीय हैं। किसी प्रमुख दल ने महिला प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया। आम जनता पार्टी (इंडिया) से सुनीता छेदा पासी इस सीट से एकमात्र महिला प्रत्याशी हैं।