पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POJK) में असंतुष्ट जनता ने वहां की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बिजली संकट, महंगाई और टैक्स की बढ़ी दरों के खिलाफ जनता का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है और वो सड़क पर उतरने को मजबूर हो गई है। POJK में पाकिस्तानी अत्याचार के खिलाफ लोग विद्रोह करने पर उतारू हो गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुक्रवार 10 मई को जनता और सुरक्षाबलों के बीच हुई हिंसक झड़प में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई, जबकि करीब 90 लोग घायल हो गए।
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POJK में क्यों पैदा हुए ऐसे हालात
पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में अभी भी विरोध प्रदर्शन जारी है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो क्षेत्र में भड़के हिंसक विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए रविवार को यहां पाकिस्तानी सैन्य रेंजर्स को तैनात किया गया है। POJK में फिलहाल युद्ध जैसी स्थिति बन रही है।
POJK को लेकर छिड़ा विरोध अब तेजी से बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। यहां की सड़कों पर सरकार के विरोध में उतरी जनता पाकिस्तान को यहां से जाने के लिए कह रही है। बिजली संकट, महंगाई और टैक्स की बढ़ी दरों के खिलाफ त्रस्त जनता और सुरक्षाबलों के बीच हुए संघर्ष से सामान्य जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। जरूरी चीजों के दामों में बढ़ोत्तरी की वजह से यहां की जनता का धैर्य टूट गया और वो विद्रोह पर उतर आई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान की तरफ से लगाए गए टैक्स और बढ़ी कीमतों के विरोध में 11 मई को POJK की जनता ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई थी, लेकिन उससे एक दिन पहले यानि 10 मई को ही अतिरिक्त बल बुलाकर लोगों को हिरासत में लेना चालू कर दिया गया, जिससे जनता का गुस्सा भड़क उठा।
पाकिस्तानी बलों ने विरोध प्रदर्शन रोकने के लिए बिना किसी वारंट और सूचना के मीरपुर जिले में 70 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। इसके बाद नाराज लोगों ने सड़कों पर आकर गिरफ्तारी के विरोध में पाकिस्तानी सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंके थे।
बढ़ती महंगाई के कारण जनता का फूटा गुस्सा
दरअसल POJK में इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व अवामी एक्शन कमेटी द्वारा किया जा रहा है। ये प्रदर्शन बढ़ती आर्थिक कठिनाइयों की वजह से हो रहा है। POJK की जनता,, पाकिस्तान सरकार से जवाबदेही की मांग कर रही है।
बता दें कि, पाकिस्तान इस समय आर्थिक परेशानी से जूझ रहा है जिसकी वजह से जनता को महंगाई की मार खानी पड़ रही है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा 3 अरब डॉलर के वित्तीय सहायता पैकेज को मंजूरी देते समय लगाई गई कड़ी शर्तों के कारण पाकिस्तान की स्थिति दिनों दिन और खराब हो गई है।