Prayagraj News- कानपुर में स्कूल के करीब शराब ठेके के हटाने के लिए मासूम छात्र अथर्व की याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शहर के आजाद नगर स्थित एम आर जयपुरिया स्कूल के पास तीस साल से संचालित किए जा रहे ठेके के नवीनीकरण पर रोक लगा दी है।
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आपको बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एलकेजी में पढ़ने वाले 5 वर्षीय छात्र की ओर से न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की गई थी। याची की तरफ से न्यायालय में अपील की गई थी कि स्कूल के करीब संचालित 30 साल पुरानी शराब की दुकान हटवाई जाए। इस मांग को लेकर उसने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिका में कहा गया कि स्कूल के तीस मीटर से भी कम दायरे में संचालित शराब के ठेके पर आने वाले लोग शराब पी कर हुडदंग और हंगामा करते है। जिससे पढ़ाई में दिक्कत होती है, भय का माहौल भी रहता है। स्कूल के पास शराब का ठेका है, उसे हटाया जाए। जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास अदालत ने यह आदेश दिया।
डीएम से लेकर मुख्यमंत्री तक की गई शिकायत
बताते चलें की स्कूल के पास से शराब ठेके के हटाने के की शिकायत जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक की गई। जिला आबकारी अधिकारी द्वारा इस मामले की जांच रिपोर्ट 20 जुलाई 2023 डीएम को दी गई थी। कहा गया था कि शराब की दुकान समय से पहले खुली नहीं पाई गई है। शराब की दुकान स्कूल से 20 या 30 मीटर के दायरे में है, लेकिन स्कूल की स्थापना बाद हुई है, इसलिए 50 मीटर वाला नियम लागू नहीं होता है।
इसके बाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका कर कहा गया कि आबकारी नियमों के मुताबिक विद्यालय, पूजा स्थल और अस्पताल से 50 मीटर के दायरे में शराब की दुकान नही खोली जा सकती है, जबकि मौजूदा दुकान स्कूल से तीन मीटर के भीतर है, जो अपने समय से पहले ही सुबह लगभग 7 बजे खुल जाती है। इसी वक्त स्कूल भी खुलता है। प्राणी उद्यान के पास शराब पीने वाले लोग आपस में गाली-गलौच और हुडदंग करते है। इस पर कोर्ट ने अधिकारियों से जवाब तलब किया था। आबकारी विभाग ने अपने जवाब में वही दलीलें दी, जो जांच रिपोर्ट में कही गईं थी। अदालत इस जवाब से संतुष्ट नहीं थी।
कोर्ट ने कहा कि भले ही शराब की दुकान स्कूल से पहले खुली और तीस साल से संचालित हो रही है, लेकिन नवीनीकरण के वक्त हर साल दिए जाने वाले हलफनामे में इस बात का खुलासा किया जाना चाहिए कि दुकान के 50 मीटर के दायरे में कोई स्कूल, पूजा स्थल और अस्पताल नही है। मौजूदा मामले में 2019 स्थापित हुए स्कूल की जानकारी के बावजूद दुकान का नवीनीकरण किया गया है, जो अवैधानिक है. कोर्ट ने जनहित याचिका स्वीकार करते हुए स्कूल के करीब संचालित दुकान का अगले वित्तीय वर्ष 2025 से 2026 के नवीनीकरण करने पर रोक लगा दी।