कानपुर- चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (CSA) के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने आज बुधवार को बताया कि मौसम के बदलाव से आज गर्मी से कुछ राहत है। लेकिन एक दो दिन बाद तेजी से तापमान बढ़ेगा। साथ ही भीषण गर्मी पड़ेगी। ऐसे में गर्मी से बचाव के लिए सभी को कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए। जैसे हल्के रंग के ढीले-ढाले सूती कपड़े पहने, चश्मा, छाता या टोपी का इस्तेमाल करें। पानी की बोतल लेकर ही घरों से बाहर निकलें।
डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने कहा कि सूरज की तल्खियों से तापमान लगातार बढ़ रहा है। वातावरण में नमी होने से उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान कर रही है। इससे शरीर से निकलने वाला पसीना चिपचिपाता है और लोग चिड़चिड़ापन के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में गर्मी से बचाव के लिए हल्के रंगे के सूती कपड़े का ही प्रयोग करें।
डॉ. पाण्डेय ने बताया कि गर्मियों में हल्के रंग के कपड़े पहनने से पसीना नहीं आता है। इसके साथ ही सूखा रुमाल या वाइप्स साथ में जरूर रखें। हल्के रंग के कपड़े सूरज की किरणों को रिफ्लेक्ट करते हैं, इसलिए गर्मी कम लगती है। हल्के रंग के कपड़े कम गर्मी अवशोषित करते हैं। जो शरीर ठंडा रखते हैं। सूती कपड़ों में पानी सोखने की क्षमता ज्यादा होती है। गर्मियों में पसीने में बढ़ोतरी के साथ, सूती कपड़े पसीने को तेजी से सोख लेते हैं और वाष्पीकृत कर देते हैं।
सूती कपड़े हवा को अच्छी तरह से पास होने में मदतगार होते है। जिससे शरीर से गर्मी दूर होती है। गर्मियों में सूती कपड़े नरम और आरामदायक होते हैं।
इन चीजों का करें प्रयोग-
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि छाता या टोपी गर्मी से बचाव में अहम भूमिका निभाते हैं। टोपी से सिर, कान, चेहरे, और गर्दन की धूप से सुरक्षा होती है। गहरे नीले रंग की टोपी ज्यादातर यूवी किरणों को चेहरे और सिर से दूर दर्शाती है। सफेद या हल्के रंग के कपड़े ज्यादातर विकिरण ऊष्मा को परावर्तित कर देते हैं। इसलिए, धूप से बचने के लिए सफेद छाते का इस्तेमाल करना ज्यादा फायदेमंद होता है।
उन्होंने बताया कि अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स 6 महीने से कम उम्र के शिशुओं को सीधी धूप से दूर रखने की सलाह देती है। ऐसे शिशुओं को तेज धूप में रहना हो, तो उन्हें टोपी, छाता और धूप का चश्मा पहनाया जा सकता है। इसके साथ ही तेज धूप में चश्मा पहनने से कई फायदे होते हैं।
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