लखनऊ: देश में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गहमागहमी जारी है। अब तक 3 चरणों के मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है। बात अगर राजनीतिक दलों की करें तो सभी ने जातीय समीकरण साधते हुए प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। लेकिन, सबसे ज्यादा चर्चा सपा के यादव प्रत्याशियों की है। सपा ने इस बार के लोकसभा चुनाव में कुल 5 सीटों पर यादव जाति से आने वाले प्रत्याशियों को टिकट दिया है। खास बात यह है कि यह सभी मुलायम परिवार के सदस्य हैं। जिसको लेकर अखिलेश यादव पर परिवारवाद के आरोप लग रहे हैं।
इन 5 सीटों पर सपा ने यादव प्रत्याशी
बता दें कि सपा ने जिन 5 सीटों पर यादव प्रत्याशी को मैदान में उतारा है, उसमें से सबसे पहला नंबर कन्नौज का आता है। यहां से सपा प्रमुख अखिलेश यादव स्वयं चुनाव लड़ रहे हैं। इसके बाद मैनपुरी सीट की चर्चा है, यहां से अखिलेश यादव की धर्मपत्नी डिंपल यादव चुनाव लड़ रही हैं। इसी फेहरिस्त में बदायूं सीट का नाम भी आता है, यहां से अखिलेश यादव के चचेरे भाई और शिवपाल सिंह के पुत्र आदित्य यादव चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, फिरोजाबाद लोकसभा सीट से अखिलेश यादव के चाचा व सपा राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि 5वीं सीट आजमगढ़ है। यहां से अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव चुनाव लड़ रहे हैं।
यह भी पढ़ें: राम मंदिर के खिलाफ सपा नेता रामगोपाल यादव ने उगला विष, कहा- ‘यह मंदिर बेकार है’
परिवार से बाहर नहीं निकल पाए अखिलेश
अखिलेश यादव ने 5 लोकसभा सीटों पर अपने ही परिवार के यादव प्रत्याशी उतारे हैं। इसको लेकर विपक्षी दल उन पर हमला बोल रह हैं। वहीं, कुछ लोगों का यह भी कहना है कि अखिलेश, यादवों को टिकट देने के मामले में अपने परिवार से बाहर नहीं निकल पाए। जबकि, बसपा ने 6 लोकसभा सीटों पर यादव जाति के प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। भाजपा ने यूपी में एक सीट पर यादव जाति के कैंडिडेट को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने गठबंधन में मिली 17 सीटों में से किसी भी सीट पर, यादव जाति के प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया है।